स्वां नदी में मछलियों के मरने की होगी जांच, CM ने जारी किए निर्देश

Edited By Ekta, Updated: 05 Aug, 2018 11:04 AM

swan river in the fish die of will investigate

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि ऊना जिला के औद्योगिक क्षेत्रों से होते हुए पंजाब पहुंच रही स्वां में मछलियों के मरने की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का पता लगाएगी कि मछलियों की मौत प्रदूषण या किसी अन्य कारण से हुई है। उन्होंने...

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि ऊना जिला के औद्योगिक क्षेत्रों से होते हुए पंजाब पहुंच रही स्वां में मछलियों के मरने की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का पता लगाएगी कि मछलियों की मौत प्रदूषण या किसी अन्य कारण से हुई है। उन्होंने इसके लिए संबंधित विभाग को जांच के निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि विभागीय अधिकारी मामले की गहराई तक जाएंगे और वस्तुस्थिति का पता लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि स्वां नदी ऊना जिला के गगरेट, मेहतपुर और टाहलीवाल जैसे औद्योगिक शहरों से होकर पंजाब पहुंचती है। 


इन शहरों में लगे उद्योगों का प्रदूषित पानी स्वां नदी में मिलने का अंदेशा है, जिससे मछलियों की मौत हो सकती है। हालांकि औद्योगिक शहरों में उद्योगों से निकलने वाले कचरे का उपचार करने के लिए एफ्लुएंट ट्रीटमैंट प्लांट (ई.टी.पी.) को भी लगाया गया है। साथ ही सीवर को ठिकाने लगाने के लिए एस.टी.पी. भी लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने ध्वनि प्रदूषण के स्तर को कम करने को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने शिमला और मनाली को हॉर्न फ्री सिटी बनाने की दिशा में पग उठाया है। सरकार इसके प्रति गंभीर है और यदि 2 माह तक स्थिति नहीं सुधरी तो कार्रवाई शुरू की जाएगी। दोनों शहरों को राज्य सरकार नेपाल की राजधानी काठमांडू की तर्ज पर नो हॉर्न सिटी बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्यों के अलावा जीव-जंतुओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 

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