बड़ी खबर : हिमाचल के 15000 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को सुुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत

Edited By Vijay, Updated: 17 Apr, 2020 05:37 PM

supreme court gave big relief to 15000 teachers

हिमाचल प्रदेश के 15,000 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 15,000 उक्त अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी हैं और दिसम्बर, 2014 को दिए गए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के 15,000 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 15,000 उक्त अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं रद्द कर दी हैं और दिसम्बर, 2014 को दिए गए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। इस फैसले के तहत इन सभी अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों को नियमों के तहत सही पाया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से इस मामले पर फैसला सुनाया है।

अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता भी हुआ साफ

पीटीए शिक्षकों ने बताया कि 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और हिमाचल सरकार से एक सप्ताह के भीतर सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा देने के आदेश दिए थे। बीते फरवरी में सरकार ने मामले से जुड़ी जानकारी कोर्ट में दे दी थी, जिसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के हित में फैसला सुनाया है। इसके बाद अब अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता भी साफ हो गया है। बता दें कि इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस कार्यकाल के समय हुई थी।

डेढ़ साल हाईकोर्ट, 5 साल सुप्रीम कोर्ट में चला मामला

प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ (पीटीए) प्रदेशाध्यक्ष बोबिल ठाकुर का कहना है कि शिक्षकों ने अपने मान-सम्मान की जंग जीती है। उन्होंंने बताया कि प्रदेश में अस्थायी शिक्षकों का डेढ़ साल तक मामला हाईकोर्ट में चला। दिसम्बर, 2014 में हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्तियों को जायज ठहराया। उसके बाद इस फैसले को वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इस बीच प्रदेश के पैरा, पैट, और पीटीए शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इस दौरान 5 साल तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला, जिस पर अब फैसला आया है, जो शिक्षकों के हित में है। अब अस्थायी शिक्षक नियमित हो सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय : शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट के 15,000 अस्थायी शिक्षकों को राहत देने वाले इस फैसले का सराहनीय बताया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी धन्यवाद किया है, जिन्होंने इस मामले में पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने कहा है कि अब मामले में आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। शिक्षकों को नियमित किया जाएगा।

प्रदेश सरकार ने दिखाई गंभीरता

पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अस्थायी शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और समय-समय पर शिक्षकों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के हित में फैसला दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया है।

कांग्रेस ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने अस्थायी शिक्षकों के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

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