2 वर्ष से बिस्तर पर अचेत पड़े पीड़ित की सहायता के लिए समाने आया जिला प्रसाशन

Edited By Kuldeep, Updated: 13 Jul, 2019 06:47 PM

sundernagar victim administration help

जिला मुख्यालय मंडी से करीब 30 किलोमीटर दूर गोहर उपमंडल के चैलचौक के समीप बाग गांव का नीलमणि पिछले 2 वर्ष से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है इस खबर को जैसे ही मीडिया द्वारा प्रकाशित किया गया तो मंडी जिला प्रसाशन तुंरत नीलमणि के घर जा पहुंचा और...

सुंदरनगर, (नितेश सैनी): जिला मुख्यालय मंडी से करीब 30 किलोमीटर दूर गोहर उपमंडल के चैलचौक के समीप बाग गांव का नीलमणि पिछले 2 वर्ष से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है इस खबर को जैसे ही मीडिया द्वारा प्रकाशित किया गया तो मंडी जिला प्रसाशन तुंरत नीलमणि के घर जा पहुंचा और हालात जाने। जिला प्रसाशन के आदेश पर जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने अन्य अधिकारियों सहित पीड़ित नीलमणि के घर जाकर हालात का जायजा लिया और रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा नीलमणि का हिम केयर कार्ड बनवाया गया और जल्द ही मैडीकल बोर्ड टीम द्वारा नीलमणि के घर जाकर दिव्यांगता प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा और दिव्यांगता के आधार पर ही राहत नियामावली के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। ए.डी.सी. मंडी आशुतोष गर्ग व रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने कहा कि पीड़ित को तुरंत उपचार के लिए जिला रैडक्रॉस सोसायटी मंडी द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे अविलंब नीलमणि का उपचार शुरू करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि नीलमणि को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाने बारे संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने के उपरांत शीघ्र ही नीलमणि को दिव्यांगता पैंशन उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित नीलमणि को घर उपलब्ध करवाने बारे भी संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

नीलमणि 2 वर्ष पहले जीप दुर्घटना में हुआ था घायल, टूटी थी स्पाइनल कॉर्ड  

बता दें कि नीलमणि पिछले लगभग 2 वर्षों से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है और अपनी छोटी से छोटी जरूरत को पूरा करने के लिए औरों पर मोहताज है। नीलमणि एक छोटे से घर में रहता है और आई.आर.डी.पी. से संबंध रखता है और अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाला एकमात्र व्यक्ति था। लेकिन लगभग 2 वर्ष पहले रोहांडा में जीप दुर्घटना में घायल हुआ था जिस में नीलमणि की स्पाइनल कॉर्ड टूट गई और नीलमणि के शरीर में हरकत होनी समाप्त हो गई, वहीं आजदिन तक नीलमणि का विकलांगता प्रमाण पत्र भी प्रशासन द्वारा नहीं बनाया गया है। नीलमणि के परिवार में पत्नी व दसवीं कक्षा में पढऩे वाला एक बेटा है जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चच्योट में शिक्षा ग्रहण कर रहा है  प्रभावित नीलमणि की पत्नी प्राईमरी कक्षा तक ही पढ़ी लिखी है और गांव में मनरेगा के अंतर्गत कार्य कर अब अपने परिवार का पेट पाल रही है।

गरीबी के कारण नहीं करवा पाए इलाज

नीलमणि की खराब हालत के कारण परिवार के एक सदस्य को हमेशा उसके पास रहना पड़ता है। जिस दिन नीलमणि की पत्नी मनरेगा के कार्य के लिए जाती है तो उस दिन उसके बेटे को स्कूल से छुट्टी कर घर पर नीलमणि की देखभाल के लिए रुकना पड़ता है। नीलमणि का प्रारंभिक इलाज सुंदरनगर अस्पताल, आई.जी.एम.सी. शिमला व पी.जी.आई. चंडीगढ़ में हुआ लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के कारण आगे का इलाज नहीं करवा पाया और वापिस घर लौट आया, गरीबी के कारण परिवार नीलमणि का इलाज करवाने में असमर्थ है। पीड़ित परिवार ने अपनी खराब हालत को लेकर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई थी।  

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!