घोषणाओं से काम नहीं चलेगा, 5 हजार बैड पर सुविधाएं भी मुहैया करवाएं सीएम जयराम : सुक्खू

Edited By Vijay, Updated: 30 Apr, 2021 08:31 PM

sukhwinder singh sukhu target on cm jairam

कांग्रेस विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कोरोना से निपटने की लचर रणनीति को लेकर सीधे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी, घोषणाओं से काम नहीं चलेगा। जिन 5000 बैड की व्यवस्था करने की बात आप...

शिमला (ब्यूरो): कांग्रेस विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कोरोना से निपटने की लचर रणनीति को लेकर सीधे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी, घोषणाओं से काम नहीं चलेगा। जिन 5000 बैड की व्यवस्था करने की बात आप कह रहे हैं, बताएं उनमें से कितने ऑक्सीजन युक्त हैं। कितने डॉक्टर इन पर नियुक्त किए गए हैं। कौन उनका इंचार्ज है, उनके नंबर क्या हैं, सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए। कोविड मरीजों के उचित उपचार के लिए कितना पैरा मेडिकल स्टाफ  नए बैड के साथ लगाया गया है उसकी भी जानकारी सार्वजनिक करें।

रिपोर्ट समय पर न आने से परेशान हो रहे लोग

उन्होंने कहा कि चूंकि, प्रदेश के कोविड अस्पतालों में सबसे अधिक कमी पैरा मेडिकल स्टाफ  की ही है। इस कमी को दूर करने के लिए नई भर्ती की जाए। भर्ती चाहे अस्थायी तौर पर क्यों न हो लेकिन करें क्योंकि डॉक्टर्स के साथ पैरा मेडिकल स्टाफ की सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि प्रदेश के मैडीकल कालेजों में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट चार-चार दिन बाद क्यों आ रही है। इसका क्या कारण है। क्या कोविड टैस्ट मशीन को चलाने के लिए भी पर्याप्त स्टाफ  उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री इस पर भी ध्यान दें क्योंकि टैस्ट रिपोर्ट समय पर न आने से लोग परेशान हो रहे हैं।

सरकार की कथनी व करनी में काफी अंतर

सुक्खू ने कहा कि सरकार की कथनी व करनी में काफी अंतर है। कागजों में लिए जा रहे निर्णय धरातल पर देरी से उतारे जा रहे हैं। बिगड़ते हालातों पर काबू पाने में सरकार अब तक विफल रही है। कोविड अस्पतालों में मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उनकी सुध नहीं ली जा रही। सरकार में बैठे लोग कोरोना महामारी को सरकारी चश्मा उतारकर जनता के चश्मे से देखें, फिर वास्तविकता का पता चलेगा। बार-बार आगाह करने के बावजूद सरकार जमीनी सच्चाई से नजरें चुरा रही है।

हर जिले में स्थापित हो वार रूम

उन्होंने सुझाव दिया कि हर जिले में कोरोना के खिलाफ  लड़ाई लडऩे के लिए वार रूम की स्थापना की जाए। संबंधित जिलाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित हो जो वार रूम का संचालन करे। संबंधित जिले का सिविल सर्जन इस कमेटी का अनिवार्य रूप से सदस्य हो। 24 घंटे एक वरिष्ठ अधिकारी वार रूम में जरूर ड्यूटी पर रहे। वार रूम के पास अस्पतालों में खाली बैड, ऑक्सीजन और दवाइयों का पूरा डाटा हो। आने वाले दिनों में कोरोना के इलाज के लिए अस्थायी अस्पताल की जरूरत पडऩे पर अभी से स्थान चिन्हित किए जाएं। वार रूम के टैलीफोन और मोबाइल नंबर समाचारपत्रों के माध्यम से आम जनता की जानकारी में लाए जाएं। हैल्पलाइन ऐसी हो जिस पर संपर्क करने के बाद मरीज को बैड, ऑक्सीजन व दवाइयां आदि हर हाल में मिल सकें।

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