सुक्खू ने सरकार पर साधा निशाना, बोले-डिप्टी स्पीकर व मंत्रियों पर दर्ज हो एफआईआर

Edited By Vijay, Updated: 28 Feb, 2021 05:18 PM

sukhwinder singh sukhu target on bjp

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन हुए हंगामे पर विधायक एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में एक तरफा कार्रवाई करते हुए विपक्ष के 5 विधायकों को निलंबित किया गया जबकि...

शिमला (राक्टा): हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन हुए हंगामे पर विधायक एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में एक तरफा कार्रवाई करते हुए विपक्ष के 5 विधायकों को निलंबित किया गया जबकि अमर्यादित आचरण तो डिप्टी स्पीकर व कुछ मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों के साथ किया। वह शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। सुक्खू ने पूछा कि धक्का-मुक्की करने वाले मंत्रियों और डिप्टी स्पीकर पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अमर्यादित आचरण करने वाले डिप्टी स्पीकर, मंत्रियों सहित भाजपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

सरकार ने अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए विपक्ष के 5 विधायकों को निलंबित कराया

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए विपक्ष के 5 विधायकों को निलंबित कराया। बजट सत्र में महंगाई, कोरोना काल में भ्रष्टाचार, पिछले दरवाजे से भर्तियों समेत अनेक मामलों में सरकार बेनकाब होने वाली थी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक व गैर-राजनीतिक होता है, वह कांग्रेस के लिए भी बेहद सम्मानित हैं। महंगाई व अन्य मुद्दों को लेकर धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों की बात नहीं सुनी गई। राज्यपाल ने भी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों को बुलाकर उनकी बातों को सुनना उचित नहीं समझा। स्पीकर सभी विधायकों के कस्टोडियन होते हैं, उन्हें गतिरोध टालने की कोशिश करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने भी कांग्रेस विधायकों को बुलाकर कोई वार्तालाप नहीं किया। उन्होंने कहा कि विरोध करना विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है। इस मौके पर विधायक सतपाल रायजादा, पूर्व सीपीएस रोहित ठाकुर, पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट, युकां प्रदेशाध्यक्ष निगम भंडारी, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह, राजीव पंचायती राज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक राठौर सहित अन्य नेता मौजूद थे।

वार्ता की बजाय धक्का-मुक्की की

उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक तो शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। डिप्टी स्पीकर व मंत्रियों ने बातचीत की बजाय उनके साथ धक्का-मुक्की की और उकसाया। इसी उत्तेजना में कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के समक्ष अपना रोष प्रकट किया। कांग्रेस विधायकों ने उनका रास्ता नहीं रोका बल्कि अपनी बात रखने का प्रयास किया। भाजपा सरकार ने जिसका राजनीतिकरण कर हंगामे व राज्यपाल के पद का अनादर करने का नाम दे दिया।

...तो स्पीकर कक्ष के बाहर धरने पर बैठते

उन्होंने कहा कि विपक्षी विधायकों के निलंबन में भी पिक एंड चूज हुआ है। प्रदर्शन तो सभी विधायक कर रहे थे फिर 5 को ही निलंबित क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस घटना का बेवजह राजनीतिकरण न करे। कांग्रेस विधायकों की मंशा राज्यपाल अभिभाषण में खलल डालने या उनका रास्ता रोकने की कतई नहीं थी। कांग्रेस विधायक चाहते तो राज्यपाल के जलपान के दौरान विधानसभा स्पीकर कक्ष के बाहर भी धरने पर बैठ सकते थे लेकिन कांग्रेस ने सभी मर्यादाओं व राज्यपाल के पद की गरिमा को ध्यान में रखा।

भाजपा राज्यपाल से मांगे माफी

सुक्खू ने कहा कि भाजपा नेताओं को राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो हंगामा हुआ,उसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। यदि सरकार चाहती तो संवाद कर हल निकाला जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विपक्ष राज्यपाल को जनता के मुद्दों से अवगत करवाना चाहता था, जो सरकार को मंजूर नहीं था, ऐसे में सत्ताधारी दल को राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए।

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!