मंत्री-विधायकों की आयकर छूट खत्म करे सरकार: सुक्खू

Edited By Ekta, Updated: 23 Sep, 2019 09:32 AM

sukhwinder singh sukhu

मानसून सत्र के दौरान मंत्रियों और विधायकों के बढ़ाए गए यात्रा भत्ते को सही ठहराने वाले विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आयकर मामले में बड़ी बात कही है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया है कि सरकार मंत्रियों और विधायकों की आयकर छूट को...

शिमला (राक्टा): मानसून सत्र के दौरान मंत्रियों और विधायकों के बढ़ाए गए यात्रा भत्ते को सही ठहराने वाले विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आयकर मामले में बड़ी बात कही है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया है कि सरकार मंत्रियों और विधायकों की आयकर छूट को तत्काल खत्म करे। इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश मंत्रिमंडल और सभी विधायकों का आयकर राज्य सरकार की तरफ से भरा जाता है और इसमें मंत्रियों व विधायकों को छूट मिलती है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस छूट को प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से वापस ले। उन्होंने कहा है कि इसे वापस लिए जाने से आम जनमानस में अच्छा संदेश जाएगा। सुक्खू ने कहा है कि मुख्यमंत्री उनके इस आग्रह पर गंभीरता से गौर करें।

सुक्खू ने कहा है कि आयकर भरने में मिलने वाली छूट खत्म होने से जनता में मंत्रियों व विधायकों का विश्वास और बढ़ेगा। खास और आम की धारणा खत्म करने की दिशा में भी इसे सराहनीय कदम माना जाएगा। आम जनता की तरह ही जब विधायक आयकर भरेंगे तो उनकी भूमिका संदिग्ध नहीं रहेगी। इसके साथ ही जनता के मन में चुने हुए प्रतिनिधियों को लेकर बन चुकी गलत धारणा खत्म होगी और मंत्रियों व विधायकों के जीवन की पारदॢशता बढ़ेगी तथा नैतिक स्तर ऊपर उठेगा। सुक्खू ने कहा है कि इसके साथ ही जनता के बीच मंत्री व विधायक गर्व से कह सकेंगे कि आयकर भरने में मिलने वाली छूट को उन्होंने छोड़ा है। इसे वापस लिए जाने से आम जनमानस में अच्छा संदेश जाएगा। 

संपत्ति-आय स्रोत सार्वजनिक करने का भी उठा चुके मामला

इससे पहले विधायक सुक्खू सभी विधायकों की संपत्ति और आय के स्रोत प्रति वर्ष सार्वजनिक करने का मामला भी उठा चुके हैं। सुक्खू का कहना है कि वह विधायकों के पारदर्शी जीवन के हिमायती हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों का जनता के प्रति जवाबदेह होना जरूरी है। विधायक नैतिकता का भी पालन करें। अगर उनका जीवन पारदर्शी होगा तो कोई उन पर उंगली नहीं उठा सकता।

प्रति वर्ष करीब 5.50 करोड़ की राशि हो रही वहन

वर्तमान में राज्य सरकार मौजूदा और पूर्व विधायकों का आयकर रिटर्न भर रही है। सूचना के अनुसार इनके आयकर रिटर्न भरने पर ही सरकार हर साल लगभग 5.50 करोड़ सालाना खर्च कर रही है। इसी तरह मौजूदा विधायकों के वेतन व अन्य खर्चो पर 15 करोड़ से अधिक का सालाना खर्च सरकार उठा रही है।

मुख्यमंत्री भी दे चुके संकेत

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी विधायकों से चर्चा करने के बाद इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने के संकेत दे चुके हैं। गौर हो कि यू.पी. की योगी सरकार माननीयों के आयकर को सरकारी खजाने से भरने की परंपरा को खत्म करने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में तकरीबन 52,000 करोड़ के कर्ज तले दबे हिमाचल में भी सरकार पर इसे बारे दबाव बढऩे लगा है।

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