Edited By Vijay, Updated: 28 Jun, 2018 07:44 PM
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जयराम सरकार के 6 माह के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि 6 महीने के शासन में सरकार के दामन पर 6 बड़े दाग लगे हैं।
शिमला: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जयराम सरकार के 6 माह के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि 6 महीने के शासन में सरकार के दामन पर 6 बड़े दाग लगे हैं। प्रशासनिक तौर पर सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। सी.एम. जयराम ठाकुर को अपनी प्रधान सचिव तक को बदलना पड़ गया। भाजपा में ही सी.एम. को फेल करने की कोशिशें चरम पर हैं। सरकार व पार्टी में जयराम अभी तक खुद को सी.एम. के तौर पर ही स्थापित करने में जुटे हैं। इसी का नतीजा है कि हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हुई है।
शिमला में जल संकट के कारण पूरी दुनिया में हुई किरकिरी
उन्होंने कहा कि शिमला में घोर पेयजल संकट के कारण पूरी दुनिया में हिमाचल प्रदेश की किरकिर हुई। पर्यटन पर बुरा असर पड़ा। देशी-विदेशी मीडिया में सरकार को प्रशासनिक तौर पर फेल करार दिया गया। इसके चलते शिमला का समर फैस्टिवल तक रद्द हुआ। इस दौरान हिमाचल हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा और चीफ जस्टिस पेयजल आपूर्ति को पटरी पर लाने के लिए खुद सड़क पर उतरे। इससे पहले भी प्रदेश में सरकारें रहीं लेकिन इस तरह का जल संकट कभी खड़ा नहीं हुआ। सरकार, नगर निगम और अधिकारियों में समन्वय न होने के कारण अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई।
कसौली हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट से सरकार को कड़ी फटकार
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कसौली में अवैध निर्माण गिराने गई टाऊन एडं कंट्री प्लानिंग विभाग की अधिकारी शैल बाला की गोली मार कर हत्या कर दी गई। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को हल्के में लेते हुए महिला अधिकारी को उचित सुरक्षा तक मुहैया नहीं कराई। मौके पर मौजूद पुलिस वाले भी भाग खड़े हुए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सरकार के 6 महीने के कार्यकाल में 100 से अधिक बड़े अपराध हुए, जिनमें 65 के करीब दुष्कर्म व छेड़छाड़ और 35 हत्याएं शामिल हैं। प्रदेश में दलितों के साथ भेदभाव हो रहा है। स्कूल में अनुसूचित जाति के बच्चों को अलग बिठाया जाता है तो वहीं सरकार ने एस.सी. कमीशन तक भंग कर दिया है।
उड़ान योजना प्रदेश सरकार की बड़ी असफलता
उन्होंने कहा कि उड़ान योजना भी प्रदेश सरकार की बड़ी असफलता है। पी.एम. नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरूआत करते हुए कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर करेगा, मगर 1900 रुपए तय की गई टिकट 19 हजार रुपए में मिल रही है। इससे हवाई चप्पल वाले उड़ान का लाभ नहीं ले पा रहे। दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सरकार शिक्षकों की जरूरत पूरा करने में नाकाम
सरकार शिक्षकों की जरूरत पूरा करने में भी नाकाम रही है, जिस कारण बच्चे पढ़ाई छोड़कर निजी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का अब तक का कार्यकाल जश्न और कर्मचारियों के तबादलों में ही बीत गया। 25 हजार से अधिक तबादले सरकार ने 6 महीने में कर डाले हैं, जिससे कर्मचारी वर्ग परेशान है। महंगाई पर लगाम लगाने में भी जयराम सरकार नाकाम रही है।