Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Oct, 2017 04:32 PM
कहते हैं शौक और मजबूरी जिंदगी में कुछ भी करवा सकते हैं। मनाली की रवीना की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह 2 हजार टैक्सी चालकों के बीच इकलौती महिला टैक्सी चालक है।
मनाली: कहते हैं शौक और मजबूरी जिंदगी में कुछ भी करवा सकते हैं। मनाली की रवीना की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह 2 हजार टैक्सी चालकों के बीच इकलौती महिला टैक्सी चालक है। वैसे तो उसका सपना आर्मी में जाने का है लेकिन मजबूरी के कारण उसे टैक्सी चलानी पड़ रही है। वह नहीं चाहती कि वह किसी पर भी बोझ बने। 20 साल की रवीना अपने परिवार और मां की मदद करती है। 3 साल पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। रवीना काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी कर रही है।
पिता की मौत के बाद बदल गए घर के हालात
बीमारी के चलते रवीना के पिता की मौत के बाद उनके घर के हालात बदल गए। वह रेगुलर पढ़ने की बजाए प्राईवेट पढ़ने लगी। साथ ही परिवार के लिए कमाई का कोई साधन न होने के कारण टैक्सी चलाने लग गई। अब वह मनाली की पहली महिला टैक्सी चालक बन गई है। इतना ही उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी है। वह अब अपने परिवार को काफी अच्छे से पाल रही है।
अपनी बेटी के काम पर जताई खुशी
रवीना की माता शांता देवी ने अपनी बेटी के काम पर खुशी जाहिर की है। उसने कहा कि रवीना मनाली में टैक्सी चला रही है जिससे वह काफी खुश है। उन्होंने कहा कि इसके पापा भी टैक्सी चलाते थे। उसकी मां ने कहा कि पहले लोगों ने उसे काफी रोका कि लड़की को ऐसे काम न करने दें। लेकिन रवीना ने उन्हें समझाया। तब जाकर वह इस काम में सैट हो पाई। आज वह दिल्ली, चंडीगढ़ और मनाली के आसपास सवारियां ले जा चुकी है। अब तो रवीना को मनाली के टैक्सी चालक भी सहयोग करते हैं। कई चालकों का कहना है कि अक्सर देखा जाता था कि कई बार महिला पर्यटकों को पुरुष टैक्सी चालकों से बात करना काफी मुश्किल लगता है, वे खुल के बात नहीं कर पाती थी। अब अच्छी बात है कि अब उनके साथ एक युवती भी जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि हम उसका पूरा सहयोग करेंगे।