Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2018 07:07 PM
हिमाचल के छात्रों ने राष्ट्रीय साइंस टैक्नो फेयर 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह आयोजन रमन साइंस एंड टैक्नोलॉजी फाऊंडेशन अहमदाबाद द्वारा ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नैशनल काऊंसिल ऑफ यंग साइंटिस्ट के साथ...
शिमला: हिमाचल के छात्रों ने राष्ट्रीय साइंस टैक्नो फेयर 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह आयोजन रमन साइंस एंड टैक्नोलॉजी फाऊंडेशन अहमदाबाद द्वारा ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नैशनल काऊंसिल ऑफ यंग साइंटिस्ट के साथ मिलकर किया गया था। इसमें हिमाचल प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालय रूगड़ा से 3 बच्चे पीयूष शर्मा, शुभम आनंद शर्मा और प्रियंका ने साइंस क्विज, मॉडल मेकिंग और सर्वे रिपोर्ट में भाग लिया जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घणाहट्टी के नितिन कुमार चौहान ने मॉडल प्रस्तुतिकरण में भाग लिया। राष्ट्रीय स्तर पर गठित साइंटिस्ट कमेटी ने प्रदेश के बच्चों को ओवरऑल परफॉर्मैंस के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर आंका है। इसके लिए छात्रों को रजत पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
19 राज्यों के 81 विद्यालयों के 270 बच्चों ने लिया भाग
इस कार्यक्रम में इसरो के वैज्ञानिकों के अलावा पूरे देश से आए विषय विशेषज्ञों के साथ 19 राज्यों के 81 विद्यालयों के 270 बच्चों ने भाग लिया। इसमें बच्चों को ग्रामीण व शहरी आधार पर जूनियर व सीनियर वर्ग में बांटा गया। हिमाचल की टीम को जूनियर ग्रामीण वर्ग में शामिल किया गया। इस दौरान रूगड़ा के शुभम आनंद शर्मा की प्रस्तुति की सराहना इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा की गई। शुभम क ो तालिका में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ। इस आयोजन में इसरो स्पेस सैंटर गुजरात के वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्ग ने बच्चों को विषय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं और विज्ञान के चमत्कारों को प्रयोग द्वारा प्रस्तुत किया गया।
छात्रों ने किया गुजरात साइंस सिटी का भ्रमण
हिमाचल प्रदेश से गई बच्चों की टीम को गुजरात साइंस सिटी का भ्रमण भी करवाया गया। इसमें बच्चों ने फ्लाइट एवियोनिक्स में 3डी फिल्म का अनुभव लिया। इसके साथ ही वहां पर मौजूद उपकरणों के साथ प्रयोग भी किए, जिनमें पैंडुलम से गुरुत्वाकर्षण का मापन, प्रकाश और परावर्तन के प्रयोग शामिल रहे। रूगड़ा स्कूल के शिक्षक डा. संजीव कुमार का कहना है कि इस दौरे से बच्चों की तार्किक व वैज्ञानिक क्षमता का विकास होगा और भविष्य में ये बच्चे अपने क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रयोग देश हित और समाज हित में करेंगे।