Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2019 10:17 PM
250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में कई निजी संस्थानों की पोल खुल चुकी है। शिक्षा के नाम पर कई निजी संस्थानों ने छात्रों के हितों से खिलवाड़ करते हुए उनकी स्कॉलरशिप के नाम पर लाखों नहीं करोड़ों रु पए डकार लिए।
शिमला (राक्टा): 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में कई निजी संस्थानों की पोल खुल चुकी है। शिक्षा के नाम पर कई निजी संस्थानों ने छात्रों के हितों से खिलवाड़ करते हुए उनकी स्कॉलरशिप के नाम पर लाखों नहीं करोड़ों रु पए डकार लिए। पूरे घोटाले की तह खंगालने के लिए सीबीआई अब तक हजारों छात्रों के बयान दर्ज कर चुकी है। जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति हड़पने के लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपनाए गए हैं। सीबीआई के समक्ष कई छात्रों ने खुलासा किया है कि काऊंसलिंग के दौरान लिए गए दस्तावेजों को संस्थानों ने वापस नहीं किया और बाद में उन दस्तावेजों के माध्यम से छात्रवृत्ति हड़पने का ताना-बाना बुन लिया गया।
एससी छात्रों के बनाए गए फर्जी एसटी प्रमाण पत्र
इसके साथ ही जांच में यह भी पाया गया है कि स्कॉलरशिप की राशि डकारने के लिए एससी छात्रों के फर्जी एसटी प्रमाण पत्र बनाए गए। सीबीआई जांच के अंतर्गत अभी वर्ष 2013 से लेकर 2017 के बीच 15 हजार से अधिक की आबंटित हुई छात्रवृत्ति से जुड़े मामलों की छानबीन कर रही है और जांच प्रक्रिया के तहत हजारों छात्रों से संपर्क कर उनके बयान दर्ज किए जा चुके हैं। गौर हो कि सीबीआई जांच में 30 हजार से अधिक छात्रवृत्ति फर्जी पाई जा चुकी हैं, ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भोले-भाले छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के लिए किस तरह का ताना-बाना बुना गया होगा।
22 में से 14 संस्थानों का खंगाला जा चुका है रिकॉर्ड
सीबीआई सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार से जुड़े इस खेल में निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों के साथ ही बैंकों और कुछ सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी दायरे में आएंगे। इसके तहत जल्द ही जांच दायरे में आए कुछ चेहरों पर शिकंजा कस सकता है। सूत्रों के अनुसार जांच दायरे में आए 22 में से 14 संस्थानों से जुड़ा रिकॉर्ड खंगाला जा चुका है। इस दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सीबीआई को खंगलाना पर पड़ रहा एक-एक दस्तावेज
सीबीआई को मामले की तह खंगालने के लिए एक-एक दस्तावेज को खंगालना पड़ रहा है। किस छात्र को छात्रवृत्ति मिली, किसे नहीं, इसको लेकर पूरी पड़ताल की जा रही है। इसके तहत संबंधित छात्रों से भी संपर्क किया जा रहा है। यहीं कारण है कि मामले की जांच को लेकर सीबीआई की अलग-अलग टीमें विभिन्न स्थानों में सक्रिय हैं।
विभिन्न स्थानों पर चल रही पूछताछ की प्रक्रिया
छात्रवृत्ति घोटाला कई राज्यों में फैला हुआ है, ऐसे में सीबीआई पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल में भी पूछताछ की प्रक्रिया अमल में ला रही है। संस्थानों से जब्त हार्ड डिस्क, लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेजों की फोरैंसिक जांच भी करवाई जा रही है। इसके साथ ही बैंकों से भी अधिकतर रिकॉर्ड कब्जे में लिया जा चुका है। कई राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़े अधिकारी भी जांच दायरे में है।