Edited By Ekta, Updated: 27 Jun, 2018 10:06 AM
प्रदेश में कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए युक्तिकरण के फैसले से उनकी चिंता बढ़ गई थी। अब नए फैसले से कुछ शिक्षकों को राहत की सांस मिलेगी। सरकार द्वारा अब युक्तिकरण के तहत शिक्षकों के तबादले...
नाहन: प्रदेश में कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए युक्तिकरण के फैसले से उनकी चिंता बढ़ गई थी। अब नए फैसले से कुछ शिक्षकों को राहत की सांस मिलेगी। सरकार द्वारा अब युक्तिकरण के तहत शिक्षकों के तबादले का आधार स्कूलों में बच्चों की 25 जून तक की पंजीकरण संख्या को माना जाएगा। इससे पहले 30 अप्रैल तक की पंजीकरण संख्या को आधार मानकर सरकार द्वारा तबादला आदेश जारी किए गए थे। इस पर शिक्षक संघों ने एतराज जताते हुए कहा था कि स्कूलों में बच्चों का पंजीकरण जून तक भी चल रहा है।
ऐसे में 30 अप्रैल तक के पंजीकरण को आधार मानना सही नहीं है। इसको लेकर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी उपनिदेशकों को पत्र लिखकर आदेश दिए गए हैं। आदेशों के तहत संबंधित बी.पी.ई.ओ. नई पंजीकरण संख्या का परफोर्मा भरने के बाद प्रस्तुत करेगा। स्कूलों में मौके पर जाकर भी बच्चों की पंजीकरण संख्या की जांच हो सकती है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नए आदेशों के तहत 25 जून तक स्कूल में बच्चों की पंजीकरण संख्या नियमानुसार पूरी होगी तो उक्त स्कूल से ट्रांसफर हुए शिक्षक को वापस उसी स्कूल भेज दिया जाएगा। जिला सिरमौर की बात करें तो यहां युक्तिकरण के तहत करीब 70 शिक्षकों पर तबादले की तलवार लटकी हुई है। हालांकि कुछ स्कूलों में पंजीकरण संख्या बढ़ी है जिसके बाद तबादला रद्द हो सकता है।
क्या है युक्तिकरण
प्रदेश के कई ऐसे स्कूल हैं, जहां एक भी शिक्षक तैनात नहीं है जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। हालांकि ये स्कूल डैपुटेशन के आधार पर चल रहे थे। समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा नियमानुसार बच्चों के कम पंजीकरण वाले स्कूलों में सरप्लस चल रहे शिक्षकों के तबादला आदेश जारी किए गए थे और इनको ऐसे स्कूलों में भेजा जा रहा था, जहां कोई शिक्षक नहीं था।
पंजीकरण संख्या बढ़ाने में जुटे शिक्षक
सूत्रों के अनुसार अब शिक्षकों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों के दाखिले के लिए अपील की जा रही है ताकि पंजीकरण संख्या बढ़ाई जा सके। हालांकि कई स्कूलों में प्रथम कक्षा में मई व जून माह में जन्मे बच्चों का 5 वर्ष आयु पूरी होने के बाद पंजीकरण हुआ है।