Watch Video : छात्राओं से पर्स उठाने के मामले में आया नया मोड़, सामने आई हैरानीजनक बात

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Nov, 2017 07:38 PM

हिमाचल के बिलासपुर जिले के स्वारघाट शिक्षा खंड के प्राइमरी स्कूल में स्कूली बच्चियों से पर्स उठाने के मामले में नया मोड़ आया है। दरअसल बच्चों के परिजन अब अध्यापकों के पक्ष में खड़े हैं। बताया जाता है कि जब स्कूल का दौरा किया गया तो वहां पर मौजूद...

बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल के बिलासपुर जिले के स्वारघाट शिक्षा खंड के प्राइमरी स्कूल में स्कूली बच्चियों से पर्स उठाने के मामले में नया मोड़ आया है। दरअसल बच्चों के परिजन अब अध्यापकों के पक्ष में खड़े हैं। बताया जाता है कि जब स्कूल का दौरा किया गया तो वहां पर मौजूद स्कूली बच्चों के परिजन, पंचायत प्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि जो सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुआ है वह झूठा है, जब स्कूल की अध्यापकाएं स्कूल बंद होने पर ताला लगा रही थी तो उस समय बाहर टेबल पर पड़े पर्स बच्चियों ने उठा लिए थे। इसके बाद फिर अध्यापकों ने अपने पर्स वापिस ले लिए थे। 
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बच्चियों ने खुद उठाया था पर्स
इसके बाद उन बच्चियों जिनका पर्स उठाने का फोटो वायरल हुआ था इस संदर्भ में जब उनके माता-पिता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके बच्चों ने बताया उन्होंने खुद पर्स उठाया था लेकिन मैडम ने उन्हें उठाने के लिए नहीं कहा था। कोई भी इस स्कूल में बच्चों से काम नहीं करवाता, अगर ऐसा होता हो तो वह खुद इसकी शिकायत दर्ज करवाते हैं। यही बात पंचायत के प्रतिनिधियों ने भी कही। हालांकि इस मामले में जो दो स्कूल की अध्यापिकाएं शामिल हैं, उनमें से एक छुट्टी पर है। वहीं जब दूसरी अध्यापिका ममता रानी से बात की गई तो उसका कहना था कि शाम के समय जब वह स्कूल को ताला लगा रही थी तो कोई पार्टी के चुनाव के समय प्रचार करने के लिए लाउडस्पीकर लगा कर गांव में आए हुए थे, ताला लगाते समय बच्चियां उनका पर्स उठाकर ले जा रही थी। वह बच्चियों को पर्स बापिस करने के लिए आवाज लगाती रही लेकिन लाऊड स्पीकर की आवाज में बच्चों को उनकी आवाज नहीं सुनाई दी। 


गांव वाले अध्यापकों के पक्ष में खड़े
उन्होंने थोड़ी ही दूरी पर अपने पर्स वापिस ले लिए थे। जिसने भी फोटो सोशल मीडिया पर डाली है वह बिल्कुल झूठी हैं। हालांकि पूर्व प्रधान राम कृष्ण का कहना है कि वह खुद भी कई बार स्कूल का निरीक्षण कर चुके हैं और ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जबकि यह स्कूल काफी नीचे है और ज्यादातर अध्यापक यहां आने से कतराते हैं, ये अध्यापिकाएं बच्चों के पढ़ाई का काम बड़ी निष्ठा से कर रही है लेकिन अगर ऐसा कोई बच्चों से काम करवाने की बात होती तो हम खुद इसकी शिकायत दर्ज करवाते। सोशल मीडिया पर डाला गया फोटो किसी भी गांव वासियों क्षेत्र के लोगों ने नहीं लिया। बच्चों के अभिभावकों का ये भी कहना था कि अगर ऐसी बात होती तो वह खुद इसके विरुद्ध खड़े होते, लेकिन बच्चों से स्कूल में कोई भी काम नहीं करवाता और पढ़ाई बड़े अच्छे ढंग से करवाई जा रही है। गांव वाले पूरी तरह से  अध्यापकों के पक्ष में खड़े हैं। 

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