निगम का चुनावी रण फतेह करने से पहले सशक्त प्रत्याशी को माथापच्ची शुरू

Edited By prashant sharma, Updated: 15 Mar, 2021 10:31 AM

strong candidate begins to battle before corporation s election battle

प्रदेश सरकार सहित विपक्ष के लिए अहम बनी धर्मशाला नगर निगम के चुनावी रण को फतेह करने के लिए पार्टियां सशक्त प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर माथापच्ची शुरू कर दी है।

धर्मशाला (तनुज सैणी): प्रदेश सरकार सहित विपक्ष के लिए अहम बनी धर्मशाला नगर निगम के चुनावी रण को फतेह करने के लिए पार्टियां सशक्त प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर माथापच्ची शुरू कर दी है। धर्मशाला नगर निगम के 17 वार्ड में किस दावेदार का बोलबाला है और कौन पार्टी की झोली में सीट जीत कर डाल सकता है, इसको लेकर अब दोनों ही राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से सर्वे और अपने पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर आगामी फैसला लेंगी। प्रदेश में इस बार पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी की तरफ से टिकट का दावा करने वाले प्रत्याशियों की लंबी सूची के साथ एक प्रत्याशी के चयन के बाद अन्य कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय बैठा कर एकजुट होकर निगम को फतेह करना दोनों पार्टियों के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।

पार्टी चिन्ह पर एक प्रत्याशी के चयन के बाद अन्य कार्यकर्ताओं को एकजुट करना राजनीतिक पार्टियों के लिए टेडी खीर बन सकती है। दोनों राजनीतिक पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद चुनावी प्रचार भी रोचक हो जाएगा। पार्टियों से ही बगावत कर चुनावी रण में उतरने वाले प्रत्याशी किस तरह से अपने प्रचार को धार देते हैं, यह भी देखने वाला विषय होगा। वहीं, आजाद तथा अन्य राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लडने वाले दावेदार भी धर्मशाला नगर निगम चुनाव में अपनी हुंकार भर रहे हैं। पार्टी से बगावत कर आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने वाले कैंडीडेट समीकरणों पर पानी फेर सकते हैं। हालांकि अभी तक राजनीतिक पार्टियां समन्वय बैठाने को लेकर दावेदारों को वार्ड स्तर पर दिए गए कार्य को लेकर फीडबैक ले रही है। नगर निगम आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सभी दावेदारों को लेकर पार्टियां सबंधित वार्ड में बैठक कर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने को लेकर फील्ड में जुटी हुई हैं।

सत्तासीन पार्टी के लिए अहम है नगर निगम धर्मशाला

सत्तासीन भाजपा पार्टी के लिए धर्मशाला नगर निगम चुनाव जीतना अहम है। धर्मशाला नगर निगम के गठन के बाद यह दूसरा चुनाव यहां होना है। वर्ष 2015 में धर्मशाला नगर निगम के गठन के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने इस पर अपना कब्जा जमाया था। अब दूसरी बार निगम के चुनाव हो रहे हैं तथा मौजूदा समय में भाजपा की सरकार प्रदेश में सत्तासीन है। ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी इस चुनाव को अहम मानते हुए अपनी जीत सुनिश्चित करने को लेकर धरातल पर पूरी तरह से सक्रिय है। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो वह अंदरखाते अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है। विपक्ष गुपचुप तरीके से अपने पर्यवेक्षकों को मैदान में उतारकर चुनावी मुद्दों सहित दमदार उम्मीदवारों की सूची को तैयार कर रही है। अब दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद ही निगम के चुनावों का प्रचार जोर पकड़ेगा।

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