Edited By kirti, Updated: 12 Oct, 2018 10:32 AM
बीते 25 वर्षों से प्रदेश में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन मौसम के रहमोकरम पर आश्रित रहा लेकिन अबकी बार मौसम ने आयोजकों का साथ नहीं दिया। मौसम के इस रुख ने प्रदेश में विज्ञान व युवा विज्ञानियों को बढ़ावा देने के प्रयासों की पोल खोलकर रख...
चम्बा : बीते 25 वर्षों से प्रदेश में राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन मौसम के रहमोकरम पर आश्रित रहा लेकिन अबकी बार मौसम ने आयोजकों का साथ नहीं दिया। मौसम के इस रुख ने प्रदेश में विज्ञान व युवा विज्ञानियों को बढ़ावा देने के प्रयासों की पोल खोलकर रख दी है। यही नहीं इस सम्मेलन में भाग लेने वाले बच्चों के साथ उनके अध्यापकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चौगान में मॉडल प्रदर्शित करने के लिए जो व्यवस्था की गई है उसमें सुरक्षा के नामकों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।
अग्रिशमन विभाग से इस सम्मेलन स्थल में की गई व्यवस्था को लेकर एन.ओ.सी. तक प्राप्त नहीं की गई है। यही नहीं आयोजकों व सह आयोजकों ने अपने स्तर पर उक्त स्थान पर आग जैसी घटना से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है, ऐसे में सैंकड़ों बच्चों के साथ सैकड़ों अध्यापकों की सुरक्षा को नजर अंदाज किया गया है। यह गौरवपूर्व बात है कि प्रदेश में अबकी बार आयोजित यह सम्मेलन 26वां है लेकिन इस बार मौसम ने आयोजकों को जो अनुभव करवाया है उसे ध्यान में रखते हुए नए सिरे से उन्हें सोचने तथा व्यवस्था करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने होंगे।
मौसम के बिगड़े मिजाज ने खोली पोल
चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में चल रहे चार दिवसीय राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन के बीते दो दिनों में आयोजन समिति के साथ इसमें भाग लेने वाले बाल वैज्ञानिकों व उनके अध्यापकों को जो अनुभव हुआ है उसे शायद ही वे कभी भूल सकें। विशेषकर बाल वैज्ञानिक जिन्होंने इतनी मेहनत व लगन के साथ अपने मॉडल तैयार किए थे उन्हें अपने मॉडलों के खराब होने की चिंता ही सताए रखी। दो दिनों में बारिश होने के चलते इन बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों को बारिश की चपेट में आने से बचाने हेतु अपने स्तर पर प्लास्टिक की व्यवस्था की।