Edited By Vijay, Updated: 24 Apr, 2018 12:11 AM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफैंसिज (पोस्को) एक्ट 2012 के अंतर्गत केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सरकार भी इसे अपनी स्वीकृति प्रदान कर सकती है।
शिमला: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफैंसिज (पोस्को) एक्ट 2012 के अंतर्गत केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद राज्य सरकार भी इसे अपनी स्वीकृति प्रदान कर सकती है। प्रदेश मंत्रिमंडल की 26 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक में इसे लागू करने की मंजूरी दी जा सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ही संकेत दे चुके हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से पोस्को एक्ट में संशोधन को लागू करने के प्रति राज्य सरकार गंभीर है ताकि बच्चों को यौन शोषण से बचाया जा सके। इस संशोधन से 12 वर्ष तक की आयु के नाबालिग बच्चियों से बलात्कार में शामिल दोषियों को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए नई त्वरित अदालतें गठित की जाएंगी और सभी पुलिस थानों एवं अस्पतालों को दुष्कर्म मामलों की जांच के लिए विशेष फोरैंसिक किट उपलब्ध करवाने की बात कही गई है।
टी.एम.पी.ए. मामले पर भी हो सकती है चर्चा
बैठक में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम से जुड़े टी.एम.पी.ए. मामले पर भी चर्चा हो सकती है। राज्य सरकार लंबे समय से इस मामले को लेकर अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है। पहले भी यह मामला मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए लाया जा चुका है लेकिन अंतिम समय में इसे एजैंडे से हटा दिया गया।
विभिन्न विभागों में क्रियाशील पदों को भरने का निर्णय
इसके अलावा विभिन्न विभागों में क्रियाशील पदों को भरने संबंधी निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही पूर्व सरकार के अंतिम 6 माह में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जा सकती है। सभी विभागों को बैठक के लिए एजैंडा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इस पर चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री के बजट भाषण में की गई कुछ घोषणाओं को भी स्वीकृति की मोहर लगाई जा सकती है।