Edited By Simpy Khanna, Updated: 05 Dec, 2019 06:37 PM
एसएसबी प्रशिक्षित स्वयंसेवी संगठन जिला कुल्लू की मासिक बैठक संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष प्रेम सिंह राणा ने की बैठक में सबसे पहले ऑल इंडिया संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह ठाकुर के पिता का स्वर्गवास होने पर उनकी आत्मा की शांति...
कुल्लू (दिलीप) : एसएसबी प्रशिक्षित स्वयंसेवी संगठन जिला कुल्लू की मासिक बैठक संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष प्रेम सिंह राणा ने की बैठक में सबसे पहले ऑल इंडिया संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह ठाकुर के पिता का स्वर्गवास होने पर उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की गई। उसके बाद कोर्ट केस में लगी लिस्ट के नाम सुनाए नय व छुटे हुए सदस्यों को भी लिस्ट में जोड़ा गया। छुटे सदस्यों को अंतिम मौका जोड़ने का अगली बैठक में जो कि जनवरी माह में होंगे।
अखिल भारतीय गुरिल्ला संगठन के चेयरमैन प्रीतम सिंह ठाकुर ने भाग लिया। वहीं उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 25 नवंबर को हुई पहली सुनवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार व एसएसबी पूरे भारतवर्ष में उन्होंने हमारी वेरीफिकेशन कराई थी। उसमें कुल आंकड़े 55000 दिए लेकिन स्पष्ट किया कि इनमें केवल 8000 गुरिल्ला ही सक्रिय हैं, बाकी घर में बैठे है। एसोसिएशन के वकील ने भी 8000 को ही इसका लाभ देने की बात कही जिस पर जज ने हमें आदेश दिया कि रिजास्टर के साथ केस में शामिल सदस्यों की लिस्ट लगाई जाए। बाकी राज्यों में गुरिल्ला ने चोरी-छिपे जो आई एस लगाई थी उस पर डिस्कस किया। इसके लिए न्यायधीश महोदय ने कहा कि इस केस में 18 राज्य भारत सरकार व्यवस्था महानिदेशक को पार्टी बनाया है।
उन्होने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय दूंगा। इसकी सुनवाई अब फरवरी माह में इसकी अंतिम सुनवाई होगी। क्योंकि 30 जनवरी तक कोर्ट में सर्दियों की छुट्टियां होगी। इनका संघर्ष पिछले 11 सालों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसका हमेशा के लिए स्थाई समाधान होगा। सभी गुरिल्ला से चेयरमैन ने अनुरोध किया है कि छुूटे हुए गुरिल्ला जनवरी माह तक वकील की फीस भर कर अपना नाम लिस्ट में दाखिल करके अंतिम मौका का पूरा-पूरा लाभ उठाएं। यह सुविधा केवल कोर्ट केस वालों को ही मिलेगी। यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि इस बैठक में संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुन्नीलाल राम, सिंह राम, चंद्र, ठाकुर दास, योगराज राम, चने राम, मोहर सिंह, हीरानंद चंद, भवानी प्रकाश, दीप लाल, डोलमा पुष्पा, गोदावरी, सावित्री देवी, सीता देवी, शांति देवी, के अलावा सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।