गेहूं के बीज में नहीं फूटा अंकुर, किसानों ने कृषि विभाग पर जड़ा आरोप

Edited By Vijay, Updated: 24 Nov, 2018 04:45 PM

sprout not scattered in wheat seed farmers blame on agriculture department

कृषि विभाग द्वारा किसानों को बांटे गए गेहूं के बीज की क्वालिटी को लेकर अब हायतौबा मचने लगी है। बुआई के 15-20 दिन बाद भी बीज अंकुरित न होने पर किसानों में हाहाकार मच गया है। जिला भर में गेहूं के बीज की डब्ल्यू.एच.-1105 किस्म किसानों को सबसिडी के आधार...

ऊना (सुरेन्द्र): कृषि विभाग द्वारा किसानों को बांटे गए गेहूं के बीज की क्वालिटी को लेकर अब हायतौबा मचने लगी है। बुआई के 15-20 दिन बाद भी बीज अंकुरित न होने पर किसानों में हाहाकार मच गया है। जिला भर में गेहूं के बीज की डब्ल्यू.एच.-1105 किस्म किसानों को सबसिडी के आधार पर वितरित की गई थी। किसानों ने सैंकड़ों कनाल भूमि पर इसकी बुआई की थी। इसमें महंगी खाद से लेकर अन्य खर्चे भी किसानों द्वारा किए गए थे। बुआई के एक सप्ताह बाद भी बीज अंकुरित न होने के बाद किसानों ने कुछ दिन और इंतजार किया। जब यह बीज अंकुरित नहीं हुआ तो आखिरकार किसान विभाग के पास दस्तक देने लगे।
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बाजार से बीज लेकर फिर बुआई में जुटे किसान

अधिकतर किसान अब बाजार से बीज लेकर फिर से बुआई में जुटे हुए हैं। इस पर उन्हें दोहरा खर्चा करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त 2 बार की बिजाई में जो देरी हुई है उसको लेकर भी किसान उग्र हो गए हैं। ग्राम पंचायत जलग्रां टब्बा के किसान सिकन्दर, दास राम, ओम प्रकाश, शमशेर सिंह, धर्म सिंह, संजीव, राजेश, सुच्चा सिंह, पंकज कुमार, अरुण, राजेन्द्र, वीरेन्द्र, सतपाल, चमन लाल, अजमेर, बिशन, गुरवचन, राज, गांव कुठारखुर्द के रमेश, बहाल सिंह, अशोक, सर्वजोत, राकेश, जगदीश, कांता देवी व भोलां देवी सहित दर्जनों किसानों ने घटिया बीज को लेकर कृषि विभाग पर दोषारोपण किया है।
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बीज देने से पहले क्यों नहीं की जांच

मामले को लेकर किसानों ने कृषि विभाग पर सवाल उठाने शुरू किए हैं। किसानों का कहना है कि जब बीज ही घटिया था तो आखिर इसकी खरीद क्यों की गई। किसानों को बीज देने से पहले इसकी जांच क्यों नहीं की गई। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग भी किसानों द्वारा उठाई गई है।

नुक्सान की भरपाई की जाए

मामले को लेकर भारतीय किसान संघ ने जिला प्रशासन के जरिए सरकार को ज्ञापन भी भेजा है। इसमें कहा है कि गेहूं का बीज सोसायटियों के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया, वह बुआई योग्य नहीं था। खेतों में यह बीज उगा ही नहीं। करीब 700 क्विंटल बीज खेतों में ही रह गया। इससे किसानों को काफी नुक्सान हुआ है। किसान संघ के सुरेश शर्मा, चंचल सिंह, हरदयाल सिंह, मदन लाल, गुरदयाल सिंह देहल सहित कई अन्य पदाधिकारियों ने मांग की है कि किसानों को हुई क्षति की भरपाई की जाए। न केवल बीज नि:शुल्क दिया जाए बल्कि जो खर्चा हुआ है उसे भी किसानों को लौटाया जाए।

किसानों को नि:शुल्क आबंटित किया जाएगा बीज

कृषि उपनिदेशक डा. सुरेश कपूर ने कहा कि बीज अंकुरित न होने को लेकर किसानों ने शिकायत की थी। इसके बाद नया बीज मंगवाया गया है। किसानों को नि:शुल्क बीज आबंटित किया जाएगा। इस संबंध में किसानों को जानकारी भी दे दी गई है।

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