फर्जी बिल पर 150 करोड़ रुपए के कारोबार करने वाले 2 उद्योगपति गिरफ्तार

Edited By Kuldeep, Updated: 03 Dec, 2018 10:35 PM

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ज्य कर एवं आबकारी दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने फर्जी बिल पर 150 करोड़ रुपए के कारोबार को अंजाम देने के मामले में कालाअम्ब के 2 उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया है जबकि 6 उद्योगपतियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

सोलन (पाल): राज्य कर एवं आबकारी दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु ने फर्जी बिल पर 150 करोड़ रुपए के कारोबार को अंजाम देने के मामले में कालाअम्ब के 2 उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया है जबकि 6 उद्योगपतियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। इस कारोबार से 15 करोड़ रुपए की जी.एस.टी. का चूना लगा है। संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी दक्षिण प्रवर्तन परवाणु डा. सुनील कुमार ने इस फर्जी बिल रैकेट का पर्दाफाश किया है। हिमाचल में फर्जी बिल एवं टैक्स चोरी के मामले में आबकारी एवं कराधान विभाग ने पहली गिरफ्तारी की है। मजेदार बात यह है कि इन उद्योगपतियों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर फर्जी फर्में बनाकर प्रदेश को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। इन उद्योगपतियों ने दिल्ली के कारोबारियों के नाम पर करोड़ों रुपए के कच्चे माल की खरीद कागजों में दिखाई हुई थी। जब इन कारोबारियों को सम्मन भेजे गए तो सही पता न होने के कारण वापस आ गए। इसके बाद विभाग ने दिल्ली में अपने स्तर पर जांच की तो तीन फर्मों का पता चला लेकिन इन फर्मों का पता गलत था जिसके मुताबिक एक अन्य व्यापारी के नाम पर एक दुकान चली हुई थी और एक पते पर दवा कंपनी चली हुई थी।

एक फर्म का मालिक टैक्सी चालक

विभाग की टीम ने पैन कार्ड के आधार इन फर्मों के मालिक का भी पता लगा लिया। हैरानी की बात यह है कि एक फर्म का मालिक टैक्सी चालक था, जिसका वेतन 13000 रुपए प्रति माह, दूसरी फर्म का मालिक मिल्क डेयरी का हैल्पर था जिसका वेतन 4000 रुपए तथा तीसरी कंपनी का मालिकि एक फैक्टरी का कर्मचारी था। इन तीनों फर्मों ने दो माह में 60 करोड़ रुपए की बिक्री की हुई थी।

प्रदेश के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा था

इन तीनों को उनके नाम पर बनी हुई फर्मों का पता तक नहीं था। इस बारे उन्होंने एक हल्फनामा दायर किया जिसमें बताया कि उन्हें न तो इन फर्मों के बारे में कोई जानकारी है और न ही इन तीन फर्मों द्वारा की गई विक्रय की कोई जानकारी थी। दिल्ली से कालाअम्ब तक मालढुलाई में जिन वाहनों को दिखाया गया है उनमें अधिकांश वाहन कार व बाइक थे। इससे स्पष्ट है कि फर्जी बिल का यह रैकेट बड़े स्तर पर काम कर प्रदेश के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा था।

मामले को पकडऩे में इंस्पैक्टर रुपिंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई

संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी दक्षिण प्रवर्तन परवाणु डा. सुनील कुमार पे कहा कि फर्जी बिल बनाकर 150 करोड़ रुपए के कारोबार के मामले में कालाअम्ब के दो उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि इस मामले में 6 और उद्योगपति गिरफ्तार हो सकते हैं। इस कारोबार से 15 करोड़ रुपए की जी.एस.टी. चोरी हुई है। गिरफ्तार किए गए उद्योगपतियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले को पकडऩे में इंस्पैक्टर रुपिंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई है।

 

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