पंजाब केसरी से खास बातचीत में जानिए क्या बोले सोशल मीडिया और IT हैड अभिषेक राणा

Edited By Ekta, Updated: 04 Aug, 2019 11:17 AM

social media and it head abhishek rana

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने संगठन स्तर पर अहम बदलाव शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में सबसे पहले सोशल मीडिया और आई.टी. विंग में नई टीम बनाने का फैसला हुआ है। विंग की कमान युवा नेता अभिषेक राणा को सौंपी गई है जो कांग्रेस के किसी भी प्रकोष्ठ के सबसे युवा...

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने संगठन स्तर पर अहम बदलाव शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में सबसे पहले सोशल मीडिया और आई.टी. विंग में नई टीम बनाने का फैसला हुआ है। विंग की कमान युवा नेता अभिषेक राणा को सौंपी गई है जो कांग्रेस के किसी भी प्रकोष्ठ के सबसे युवा मुखिया हैं। उनके पास सोशल मीडिया के लिहाज से कांग्रेस को चर्चा में लाने के लिए लंबा-चौड़ा प्लान है जिसकी चर्चा उन्होंने पंजाब केसरी संवाददाता संजीव शर्मा के साथ बातचीत में की। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के अंश:  

नई नियुक्ति जिम्मेदारी है, इनाम या अवसर? 

मैं इसे संगठन द्वारा मुझ पर जताए गए विश्वास के रूप में देखता हूं। प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने मुझे इस काबिल समझा यह मेरे लिए बड़ी बात है जिसे मैं एक जिम्मेदारी के तौर पर देख रहा हूं। वर्तमान में कोई भी दल बिना सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के आगे नहीं बढ़ सकता। हम पूरा जोर लगा देंगे कि एक बेहतरीन टीम बनाकर पूरे प्रदेश में हर घर तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचा जा सके और कांग्रेस की विचारधारा के प्रति लोगों में विश्वास जगाया जा सके।  

देखा गया है पार्टियां सोशल मीडिया पर विरोधियों के खिलाफ फेक न्यूज जैसे अभियान ज्यादा चला रही हैं?

हम ऐसा नहीं करेंगे। हमारा सीधा फोकस कांग्रेस की जनहितैषी योजनाओं को हाईलाइट करना रहेगा। हां भाजपा के कामकाज पर पैनी नजर जरूर रहेगी लेकिन फेक न्यूज जैसा कुछ नहीं होगा। हम उनकी नाकामियों को जरूर उजागर करेंगे। उन्होंने क्या कहा था, कितना किया, कहां फेल हो रहे हैं ये सब तो जनता को बताना पड़ेगा। आप देखेंगे कि कांग्रेस का सोशल मीडिया प्रकोष्ठ कई मायनों में अलग होगा।  

शुरूआत कहां से होगी?

हम भाजपा के दृष्टिपत्र पर फोकस करते हुए जनता को बताएंगे कि क्या कहा गया था और क्या हो रहा है। कहां सरकार ने वायदाखिलाफी की है। अनेक ऐसी बातें हैं जो पिछले 2 साल में ठीक उसके उलट की गई हैं। जो भाजपा ने चुनावी वायदों में कहा था उसे जनता के सामने रखेंगे।

सरकार के 2 साल के कार्यकाल को कैसे देखते हैं?

निराशाजनक। आप इसे यूं कह सकते हैं कि ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’। न युवाओं को नौकरियां मिलीं, न विकास हुआ। सड़कों की हालत बदतर है, किसान परेशान है, कर्मचारी हताश हैं, स्कूलों में शिक्षक नहीं, अस्पतालों में डाक्टर नहीं और सरकार कह रही है कि सब ठीक है। अगर यह ठीक है तो फिर खुदा न करे कि कभी कुछ खराब हो।

विधानसभा चुनाव में  कानून व्यवस्था और नशे का व्यापार जैसे मुद्दे भाजपा के अहम हथियार थे, कितना सुधार इन मोर्चों पर हुआ है?

स्थितियां और बिगड़ी हैं। कानून व्यवस्था का दिवाला पिट चुका है। आए दिन महिलाओं से दुराचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। सरेआम दिन-दिहाड़े चोरियां हो रही हैं और जिनके जिम्मे कानून संभालने का काम है वे लम्बी तान कर सो रहे हैं। नशे के व्यापार की हालत यह है कि अब बात-बात पर उड़ता हिमाचल जैसी बातें हो रही हैं। सरकार नशा बेचने वालों को नाथने में पूरी तरह फेल रही है। नशे का शिकार युवाओं के लिए नशा निवारण केंद्र बनाने की बात सिर्फ  कागजों में रह गई है। हर पंचायत में खेल के मैदान सिर्फ सरकारी फाइलों पर बने हैं। इन सब बातों का जवाब अब मांगा जाएगा और सोशल मीडिया पर मांगा जाएगा ताकि प्रदेश की जनता को भी पता चल सके कि हो क्या रहा है।  

सरकार काफी मेहनत कर रही है निवेश लाने के लिए और आप उससे नाराज हैं?

निवेश लाना और उसके प्रयास करना 2 अलग विषय हैं। निवेश आए उसका स्वागत करते हैं लेकिन निवेश की आड़ में हिमाचल के संसाधन धन्नासेठों के पास गिरवी न रखे जाएं। जो भी यूनिट लगें उनमें हिमाचलियों को शत-प्रतिशत नहीं तो 80 फीसदी रोजगार कानूनन सुनिश्चित किया जाए। ऐसा न हो कि हिमाचलियों को लाभ भी न मिले और हिमाचल पर बाहरियों का कब्जा ही हो जाए।  

कर्ज मुक्ति के लिए आर्थिक पैकेज दिलवाएं अनुराग

अभिषेक राणा ने कहा कि अब जबकि वित्त राज्य मंत्री हिमाचल से हैं तो प्रदेश को कर्ज मुक्त करने का बड़ा प्रयास होना चाहिए। अनुराग ठाकुर को चाहिए कि वह इस दिशा में तुरंत पहल करें ताकि हिमाचल आर्थिक संकट से बाहर निकले। हिमाचल को आर्थिक पैकेज दिलवाया जाए। हालांकि राणा के मुताबिक पहले बजट से वह निराश हैं और उसमें हिमाचल को कुछ नहीं मिला है। अनुराग ठाकुर के प्रयास उसमें परिलक्षित नहीं हुए हैं। राणा ने एम्स को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि अभी उसकी चारदीवारी तक नहीं बनी है। ऊना में 6 माह के भीतर मिनी पी.जी.आई. बनाने का दावा हुआ था लेकिन आलम यह है कि वहां जो अस्पताल है उसमें ही डाक्टरों और पैरा मैडीकल स्टाफ  की भारी किल्लत है। फाइलों में बहुत कुछ हुआ है, धरातल पर कुछ भी नहीं है।  

एन.जी.टी. के आदेश भी नहीं मान रही सरकार

अभिषेक राणा ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन एक बड़ा मसला है। सरकार इसे नाथने की बजाय उलटे खनन करने वालों की सहोदर बनी हुई है। आलम यह है कि बाहरी राज्यों से खनन माफिया आकर यहां की पुलिस को धमकाकर खनन करके चला जाता है। हद तो तब हो जाती है जब सरकार राष्ट्रीय हरित पंचाट यानी एन.जी.टी. के आदेश तक नहीं मानती। एन.जी.टी. ने कहा था कि नदियों के तट के किनारे 100 मीटर के दायरे में स्थापित स्टोन क्रशर बंद किए जाएं। 29 अक्तूबर को यह आदेश हुआ था लेकिन 10 माह बीत गए हैं, एक भी क्रशर बंद नहीं हुआ। यह अनदेखी की पराकाष्ठा है। अगर सरकार ने ज्यादा देर की तो हम खुद हरित पंचाट में जाकर अवमानना का केस दर्ज करवाएंगे।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!