Edited By Vijay, Updated: 12 Dec, 2019 08:31 PM
भारतवर्ष के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डल्हौजी में वीरवार को बर्फबारी के चलते तापमान में काफी गिरावट आ गई है। डल्हौजी के ऊपरी क्षेत्र बकरोटा में सुबह से ही बर्फबारी शुरू हो गई थी। दोपहर तक लक्कड़ मंडी में 8 इंच, ङैनकुंड में लगभग 1 फुट और बकरोटा में 4 इंच...
डल्हौजी: भारतवर्ष के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डल्हौजी में वीरवार को बर्फबारी के चलते तापमान में काफी गिरावट आ गई है। डल्हौजी के ऊपरी क्षेत्र बकरोटा में सुबह से ही बर्फबारी शुरू हो गई थी। दोपहर तक लक्कड़ मंडी में 8 इंच, ङैनकुंड में लगभग 1 फुट और बकरोटा में 4 इंच तक हिमपात हो चुका था। डल्हौजी शहर में भी सुबह हल्की बर्फबारी हुई। बाहरी राज्यों से आए हुए पर्यटक बर्फबारी का खूब आनंद ले रहे हैं। बर्फबारी से स्थानीय लोगों के चेहरे भी खिल गए हैं। बर्फबारी के चलते डल्हौजी, लक्कड़ मंडी मार्ग, कालाटॉप मार्ग और डायनकुंड मार्ग बर्फ से अवरुद्ध हो गए और पर्यटक डल्हौजी के बकरोटा तक पहुंचकर ही बर्फबारी का आनंद उठाते देखे गए।
भरमौर में 6 इंच ताजा हिमपात
वहीं भरमौर मुख्यालय में 6 इंच तक ताजा हिमपात हो चुका था तथा जिस गति से हिमपात हो रहा है, उससे काफी अधिक हिमपात होने की संभावना है। बर्फबारी के चलते बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो गई है। वहीं मुख्य मार्ग पर बर्फ की फिसलन हो जाने के कारण भरमौर में रुकने वाली सभी बसें खड़ामुख वापस आ गई हैं। भरमौर, गरीमा, खणी, हड़सर, चौबिआ व उलंसा आदि मार्गों पर बर्फ की मोटी चादर बिछ चुकी है। हालांकि अभी तक वाहनों की आवाजाही चली हुई है लेकिन फिसलन के कारण खतरा रहता है। अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट पीपी सिंह ने लोगों से अपील की है कि भारी हिमपात के चलते जोखिम न लें तथा सुरक्षित स्थानों पर रहें।
भटियात की ऊपरी पहाड़ियों पर हिमपात
उधर, सर्दी की पहली बारिश तथा पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते समूचा भटियात क्षेत्र भी ठंड की चपेट में आ गया है। ऊपरी पहाड़ियों पर वीरवार सुबह से ही बर्फबारी का दौर शुरू हो गया, जिससे भटियात के ऊपरी क्षेत्र की पंचायतों का जनजीवन प्रभावित होना शुरू हो गया है। भटियात की जंदरोग, टिकरी, सुरपड़ा, मोतला, खरगट, परसयारा व कैंथली आदि अनेकों पंचायतों के ऊपरी पहाड़ी भागों पर हिमपात हो रहा है। इस बारिश से किसानों को भी राहत महसूस हुई है। इस बार समयानुसार ही बारिश हो रही है तथा गेहूं व जौ आदि की बुआई समय पर हो चुकी है और इस बारिश से फसल को लाभ मिलेगा।