Edited By Ekta, Updated: 07 Oct, 2018 06:03 PM
पिछले महीने चंबा जिला में हुई भारी बारिश ने कोई भी ऐसा वर्ग नहीं छोड़ा है जोकि उससे प्रभावित नहीं हुआ है। जिले में सबसे अधिक मार पांगी उपमंडल के उन बागवानों पर पड़ी है जिनकी सेब की फसल पेड़ों पर तैयार थी अब उसे अगले सप्ताह निकालना था। अब यह फसल पूरी...
चंबा (विनोद): पिछले महीने चंबा जिला में हुई भारी बारिश ने कोई भी ऐसा वर्ग नहीं छोड़ा है जोकि उससे प्रभावित नहीं हुआ है। जिले में सबसे अधिक मार पांगी उपमंडल के उन बागवानों पर पड़ी है जिनकी सेब की फसल पेड़ों पर तैयार थी अब उसे अगले सप्ताह निकालना था। अब यह फसल पूरी तरह से बर्फ में दफन होकर बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में पांगी घाटी के बागवानों पर कुदरत ने बर्फ के रूप में आफत बरपाई है, जिससे उबरने में अब घाटी के बागवानों को सरकार से मिलने वाली राहत ही सराहा बनेगी। पांगी घाटी के बागवानों की मानें तो सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में घाटी में जो बर्फबारी हुई है उससे पांगी की 60 प्रतिशत सेब की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
यही नहीं इस फसल ने बागवानों की पूरी तरह से कमर तोड़ दी है क्योंकि अब पांगी के इन प्रभावित बागवानों को इस स्थिति से उबरने के लिए कम से कम 5 से 6 वर्ष को लंबा इंतजार करना होगा। इसकी वजह यह है कि भारी बर्फबारी होने के चलते सेब के पेड़ फसल सहित टूट गए हैं। घाटी के 3 से 4 करोड़ रुपए की सेब की फसल पौधों सहित बर्बाद हो गई है। जिला बागवानी विभाग की मानें तो उसके पास 30 सितम्बर तक जो जानकारी प्रथम चरण के तहत आई है उसमें पांगी घाटी में 1 करोड़ रुपए के करीब सेब की फसल बर्बाद हो गई है। दूसरे चरण व अंतिम रिपोर्ट के आने पर नुक्सान के इस आंकड़े का दो गुणा होने की आशंका है।
दो सेब से भरे वाहन जोत में फंसे
जानकारी अनुसार पांगी घाटी को शेष विश्व के साथ जोड़ने वाला किलाड़-साच-चम्बा मार्ग एक बार फिर से वीरवार व शुक्रवार को हुई बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए बंद पड़ गया है। शुक्रवार को बर्फबारी की वजह से पांगी घाटी से सेब ला रहे दो वाहन साच पास पर ही फंस गए। सेब की फसल के साथ वे अगले दो-चार दिनों तक साच पास पर ही फंसे रहेंगे क्योंकि साच पास पर बार-बार बर्फबारी होने के चलते संबंधित विभाग इस मार्ग को खोलने में खुद को भी असहज पा रहा है। मौसम साफ होने के बाद ही इसे फिर से वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है।
बागवानी विभाग के पास अब तक 500 मामले पहुंचे
विभाग के पास अब तक 500 बागवानों ने बर्फबारी के कारण नुक्सान होने के बारे में लिखित जानकारी दी है। पांगी घाटी में अक्तूबर में मौसम साफ होने के चलते अब ऊंचे क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी के नीचे दफन हुए सेब के पौधे के ऊपर से बर्फ हटनी शुरू हो गई है। साथ ही घाटी मुख्यालय किलाड़ के साथ फिर से कटे हुए क्षेत्रों का सड़क संपर्क स्थापित होने लगा है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में विभाग के पास नुक्सान की रिपोर्ट आने का आंकड़ा बढ़ जाएगा।