मनाली (सोनू): दिसम्बर महीने में भी मौसम का मिजाज बिगडऩे से लाहौल-स्पीति के लोगों की मुसीबत फिर बढ़ी है। 3 दिन से हो रही बर्फबारी से चन्द्रा घाटी के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। शुक्रवार सुबह से लाहौल का कोकसर और सिस्सू क्षेत्र बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन ने मौसम साफ होने तक लोगों को घरों से बाहर न निकलने का आग्रह किया है। नवम्बर का पूरा महीना बर्फबारी और कड़ाके की ठंड में बीत गया, वहीं दिसम्बर के महीने में भी कुदरत मेहरबान नहीं है।
बुधवार सायं से घाटी में भारी बर्फबारी का दौर जारी है और शुक्रवार को भी पूरे इलाके में हिमपात हो रहा है, जिससे कि घाटी के मुख्य मार्ग समेत सभी संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। रोहतांग से सटे गांव कोकसर में 48 घंटों में 60 सैंटीमीटर से अधिक बर्फ रिकॉर्ड की गई, जबकि विश्व प्रसिद्ध रोहतांग दर्रा पर 120 सैंटीमीटर से अधिक बर्फबारी की खबर है। शुक्रवार को चंद्राघाटी के कोकसर और सिस्सू में बर्फीली हवा चलने से लोग घर से बाहर नहीं निकल पाए।
सिस्सू पंचायत की प्रधान सुमन ने बताया कि पिछले 48 घंटे से घाटी में बर्फबारी के दौर जारी है और बर्फीले तूफान के चलते लोग अंदर ही दुबके हैं। उन्होंने कहा कि मौसम के इस बदलते स्वरूप से आम जनता के साथ पशु- पक्षियों को भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। घाटी के मुख्य मार्ग सहित सभी संपर्क मार्ग पर बर्फ की मोटी चादर बिछने से अवरुद्ध हो गए हैं। चंद्राघाटी के अधिकतर गांवों में बिजली की आंख-मिचौली जारी है। बीआरओ अब रोहतांग दर्रा बहाल नहीं करेगा।
सिस्सू पंचायत प्रधान व कोकसर के पूर्व प्रधान रतन ने बताया कि बर्फबारी के बाद घाटी में इस तरह की बर्फीली हवाएं नई बात नहींहै। उन्होंने बताया कि घाटी में जनजीवन प्रभावित हुआ है, लेकिन सभी अपने घरों में सुरक्षित हैं। डीसी लाहौल केके सरोच ने बताया कि प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है।
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