'चिट्टे' की गिरफ्त में हिमाचल, पुलिस से बचने को तस्कर ले रहे लड़कियों का सहारा

Edited By kirti, Updated: 26 Aug, 2019 11:10 AM

smugglers resorted to girls to escape from the police

पड़ोसी राज्यों से हिमाचल में आई हैरोइन यानी चिट्टे जैसे नशे की बुराई प्रदेश में तेजी से फैल रही है। वहीं इस नशे ने बिलासपुर के युवाओं व किशोरों को भी बड़ी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। इस वर्ष जिला पुलिस द्वारा मादक पदार्थ चिट्टे के...

बिलासपुर (प्रकाश): पड़ोसी राज्यों से हिमाचल में आई हैरोइन यानी चिट्टे जैसे नशे की बुराई प्रदेश में तेजी से फैल रही है। वहीं इस नशे ने बिलासपुर के युवाओं व किशोरों को भी बड़ी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। इस वर्ष जिला पुलिस द्वारा मादक पदार्थ चिट्टे के खिलाफ हुई कार्रवाई से स्पष्ट है कि पिछले एक-डेढ़ वर्ष से हैरोइन (चिट्टा) का अवैध धंधा तेजी से बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि हैरोइन के नशे ने किशोरों व युवाओं को बड़ी तेजी से अपने जाल में फंसाया है।

चिट्टे के साथ पकड़े 57

जिला पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के गोरख धंधे को रोकने के कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ये प्रयास कार्रवाई के रूप में होते हैं। लेकिन इन सब प्रयासों का सकारात्मक नतीजा कब मिलेगा यह कहना मुश्किल है। जिला पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के 8 माह में ही पुलिस ने चिट्टे के ही 40 मामले पकड़े हैं जिनमें 542.23 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ है। वहीं इन चिट्टे के मामलों में एक युवती सहित 57 लोग आरोपी हैं। इसके अतिरिक्त जिला पुलिस ने 3 किलो 276 ग्राम चरस, 20 किलो 500 ग्राम भुक्की, 500 ग्राम अफीम, 480 टैबलेट व 100 बोतलें कफ-सिरप की बरामद की हैं। हालांकि जिला पुलिस अभी तक केवल नशेडिय़ों व चिट्टे के छोटे-मोटे सप्लायरों तक ही पहुंच पाई है। मुक्कमल तौर पर नसों में घुलते इस नशे को रोकना और इसके मुख्य सरगना पर नकेल कसना बाकी है।

पंजाब के डीलरों के संपर्क में स्थानीय युवा

चिट्टे के कारोबार में लगी बड़ी मछलियों तक पुलिस की पहुंच आसान नहीं लग रही है। मजबूत नैटवर्क और प्लाङ्क्षनग से इस काले धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। नशा माफिया के तार जिला के कुछ युवाओं के साथ जुड़े हैं। जानकारी के अनुसार पंजाब व दिल्ली में बैठे बड़े तस्करों ने जिला के कुछ युवकों को अपने इस कारोबार में शामिल किए हैं। यह युवा पंजाब में बैठे डीलरों के लिए एजैंटों व सप्लायर के रूप में कार्य कर रहे हैं। स्थानीय युवाओं को पंजाब व दिल्ली ही बुलाया जाता जहां उन्हें चिट्टे की छोटी-छोटी खेपें युवकों के माध्यम से बेचने हेतु दी जाती हैं। विशेष बात ये भी कि स्थानीय युवा कार इत्यादि में इस नशे को बिलासपुर नहीं लाते अपितु ये बसों में आम आदमी की तरह यात्रा करते हैं। वहीं नशा तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए अब इसकी सप्लाई लड़कियों द्वारा भी करवाई जा रही है।

नशे की गिरफ्त में क्यों पहुंच रहे युवा

सवाल यह है कि आखिर किस वजह से युवा नशे की तरफ जा रहे हैं। एक वजह तो बेरोजगारी है। जिला के रोजगार कार्यालयों में लगभग 54,621 बेरोजगार पंजीकृत हैं। इतनी संख्या में जब युवा बेरोजगार होंगे तो उनकी हताशा बढ़ेगी और उनका नशे की तरफ आकॢषत होना अतिशोयक्ति नहीं होगी। इसके साथ माता-पिता बच्चों के लाड़ प्यार के चक्कर में उनकी हर अच्छी बुरी आदत को नजर अंदाज करते हैं। इसकी वजह से बच्चा वो काम करने लगता है जो परिवार को संकट में डाल देता है और अपना जीवन भी बर्बाद कर लेता है।
 

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