SMC अध्यापकों ने PTA की तर्ज पर मांगा वेतन

Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2019 10:38 PM

smc teachers demand salary on the lines of pta

एसएमसी पीरियड आधार पर कार्यरत 2630 एसएमसी अध्यापकों के लिए अनुबंध नीति बनाने के संदर्भ में पीरियड बेसिस एसएमसी टीचर एसोसिएशन कांगड़ा का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह से मिला।

धर्मशाला (ब्यूरो): एसएमसी पीरियड आधार पर कार्यरत 2630 एसएमसी अध्यापकों के लिए अनुबंध नीति बनाने के संदर्भ में पीरियड बेसिस एसएमसी टीचर एसोसिएशन कांगड़ा का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह से मिला। संघ के सदस्यों में विकास ठाकुर, नितेश, राजेश कुमार, मान सिंह, वंदना वाला ने बताया कि एसएमसी जीआईए पर लगे 2630 अध्यापक 7 सालों से कम वेतन पर काम कर रहे हैं। एसएमसी अध्यापकों को पीटीए के समांतर सैलरी का प्रावधान किया जाए। वहीं 2630 अध्यापकों को पीटीए जीआईए की तर्ज पर कैजुअल लीव व मैटरनिटी लीव का प्रावधान किया जाए। एसएमसी अध्यापकों को 7 साल से किसी भी प्रकार का अवकाश नहीं मिल रहा है।

सभी शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं एसएमसी अध्यापक

सदस्यों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 2360 एसएमसी अध्यापक (जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, सीएंडवी) सरकारी स्कूलों में पीरियड आधार पर कार्यरत 5 साल से अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सभी एसएमसी अध्यापक 17 जुलाई, 2012 की पॉलिसी द्वारा नियुक्त किए गए हैं। पूर्व में 250 अध्यापकों की नियुक्ति प्रदेश के दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में की गई तथा बाद में 2380 अध्यापक नियुक्त किए गए। सभी 2630 एसएमसी अध्यापक भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार आरटीई के लिए जरूरी सभी शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं तथा हमारी नियुक्तियां डिप्टी डायरैक्टर हायर, एलीमैंटरी से परमिशन लेकर एसडीएम के माध्यम से हुईं हैं।

अध्यापकों का अनुबंधकाल किया जाए 2 वर्ष

वहीं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला कांगड़ा प्रधान नरेश कुमार की अध्यक्षता में तपोवन में मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिला। प्रधान नरेश धीमान ने बताया कि संघ अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मिला है। केंद्र सरकार की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों जो न्यू पैंशन स्कीम में आते हैं, उनकी सेवाकाल में मृत्यु या दिव्यांगत की स्थिति में केंद्र सरकार की तर्ज पर पैंशन का प्रावधान करने, अनुबंध अध्यापकों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता बारे व अनुबंधकाल 3 वर्ष से 2 वर्ष करने, कम्प्यूटर शिक्षकों बारे ठोस नीति बनाने सहित कई मांगें शामिल रहीं। इस मौके पर अरूण, सन्तोष सहित अन्य मौजूद रहे।

विद्यालयों में प्रारंभ हो संगीत शिक्षा

उधर, हिमाचल प्रदेश के विद्यालयों में संगीत शिक्षा प्रारंभ करवाने की मांग लेकर म्यूजिक वैल्फेयर एसोसिएशन कांगड़ा का एक प्रतिनिधिमंडल तपोवन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने पहुंचा। संघ के सदस्यों में शामिल विक्रांत, संजय, नवीन, अरुण कौशल, आनंद आदि ने कहा कि संघ कई वर्षों से प्रदेश सरकार से विद्यालयों में संगीत विषय शुरू करवाने की मांग करता आ रहा है। वर्तमान सरकार ने संगीत विषय को प्रदेश के सभी विद्यालयों में शुरू करने की बात चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में की थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा निजी विद्यालयों की तर्ज पर संगीत विषय प्रारंभ कर सरकारी स्कूलों में लगातार कम हो रही विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। संगीत साधना के माध्यम से विद्यार्थियों को नशे की लत तथा बढ़ते मानसिक तनाव से भी निजात दिलाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री से मिले पदोन्नत स्कूल प्राध्यापक

वहीं हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्राध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने तपोवन पहुंचा। संघ के सदस्यों ने विभिन्न मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। उक्त मांगों में पुरानी पैंशन बहाल करना सहित अन्य मांगें शामिल रहीं।

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