अगले छह माह में वर्किंग में आएगा जिला कुल्लू में स्थित पतलीकूहल ट्राउट फार्म

Edited By kirti, Updated: 19 Mar, 2020 12:14 PM

six months the district will come to work at the taluquhl trout farm in kullu

पतलीकूहल ट्राउट फिश फार्म में आने के लिए अभी पांच से छह महीनों का वक्त लग जाएगा। सितंबर 2018 में भयंकर बाढ़ आने के दौरान पतलीकूहल फिश फार्म को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था।

बिलासुपर (मुकेश गौतम) : पतलीकूहल ट्राउट फिश फार्म में आने के लिए अभी पांच से छह महीनों का वक्त लग जाएगा। सितंबर 2018 में भयंकर बाढ़ आने के दौरान पतलीकूहल फिश फार्म को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था। एक किलोमीटर से ज्यादा वाटर सप्लाई एरिया बाढ़ में बह गया था जिस कारण पतलीकूहल फार्म में ट्राउट बीज तैयार करने के लिए चल रही प्रक्रिया पर विराम लग गया था और अभी तक फार्म में कार्यवाही बंद है। 

मत्स्य विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक सतपाल मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि  कुल्लू जिला के पतलीकूहल ट्राउट फिश फार्म रिवाईव (पुनर्जीवित) करने के लिए मत्स्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। मत्स्य विभाग के आग्रह पर राज्य सरकार की ओर से 2.53 करोड़ का बजट जारी होने के बाद अब फार्म की हालत सुधारने को लेकर काम शुरू हो गया है। बाढ़ में हुए नुकसान का मत्स्य विभाग ने जायजा लेने के बादएस्टीमेट तैयार कर सरकार को भेज दिया था और केंद्र सरकार से इस फार्म को रिवाईव करने के साथ ही प्रोडक्शन बढ़ाने के मद्देनजर 15 करोड़ की योजना का खाका तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा था। हालांकि लंबी समयावधि बीतने के बावजूद केंद्र की ओर से इस आग्रह को स्वीकृति नहीं मिल पाई जिस कारण विभाग के समक्ष फार्म को दोबारा शुरू करने को लेकर संकट पैदा हो गया था।

फिर विभागीय अधिकारियों ने दो करोड़ तिरेपन लाख का बजट प्लान राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जिसे अप्रूवल मिल चुकी है और विभाग की ओर से टेंडर कॉल करने के बाद आगामी कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। उधर, इस संदर्भ में बात करने पर मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पतलीकूहल फार्म को पुनरू वर्किंग में लाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बाढ़ आने पर जब इस फार्म का वाटर सप्लाई एरिया ध्वस्त हो गया था तो इसे रिवाईव करने के लिए पंद्रह करोड़ का बजट प्लान केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा था।
PunjabKesari
उन्होंने बताया कि इस फार्म में 16.47 मीट्रिक टन पैदावार होती है, जबकि 20 से 25 मीट्रिक टन पैदावार बढ़ाने की प्लानिंग थी और यदि रिसर्कुलेटरी सिस्टम के तहत कार्य होता तो इस फार्म में ट्राउट प्रोडक्शन को 50 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जा सकता था, लेकिन केंद्र की ओर से बजट प्लान को स्वीकृति नहीं मिल पाई। फिर सरकार से आग्रह किया गया जिस पर सरकार ने दो करोड़ तिरेपन लाख के बजट को मंजूरी मिली और अब काम शुरू करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आने वाले पांच छह माह में यह पूरी तरह से वर्किंग शुरू कर देगा। 

2018 में बाढ़ के दौरान बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के बाद पतलीकूहल ट्राउट फार्म में प्रोडक्शन नहीं हो पा रही। हाल ही में सरकार ने 2.53 करोड़ फार्म को रिवाईव करने के लिए जारी किए हैं जिसके तहत टेंडर कर कार्य शुरू कर दिया गया है। अगले पांच छह महीनों में यह फार्म वर्किंग में आ जाएगा।

ट्राउट फार्म में प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने की है योजना

पतलीकूहल ट्राउट फार्म में 14 रेसबेस हैं, जबकि चार नर्सरी और चार बड़े रेसबेस हैं। इस फार्म में ट्राउट प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ाने की योजना है जिस पर विभागीय स्तर प्रक्रिया जारी है। पहला मकसद विभाग का यही है कि इस फार्म को जल्द से जल्द वर्किंग में लाया जाए ताकि ट्राउट की पैदावार कर प्रदेश में बड़े स्तर पर ट्राउट का उत्पादन शुरू किया जा सके।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!