उपभोक्ता घर बैठे ही अब ऑनलाइन कर सकेंगे प्रापर्टी टैक्स बिल जनरेट

Edited By Ekta, Updated: 09 Apr, 2019 06:04 PM

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राजधानी के हजारों उपभोक्ताओं नगर निगम ऑनलाइन प्रापर्टी टैक्स बिल जनरेट करने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है। इसके तहत लोग घर बैठे ही ऑनलाइन अपना प्रापर्टी टैक्स का बिल जनरेट कर सकते हैं। मौजूदा समय में लोगों को अपना संपत्ति कर का बिल लेने के लिए नगर...

शिमला (वंदना): राजधानी के हजारों उपभोक्ताओं नगर निगम ऑनलाइन प्रापर्टी टैक्स बिल जनरेट करने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है। इसके तहत लोग घर बैठे ही ऑनलाइन अपना प्रापर्टी टैक्स का बिल जनरेट कर सकते हैं। मौजूदा समय में लोगों को अपना संपत्ति कर का बिल लेने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में पहले लोग बिल लेने के लिए निगम कार्यालय पंहुच रहे हैं। इसके बाद बिल का भुगतान करने के लिए एम.सी दफ्तर पंहुच रहे है, लेकिन अब नगर निगम अगामी दो दिनों के भीतर उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल जनरेट करने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है।

मंगलवार को नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने कर शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक कर 2 दिनों के भीतर ऑनलाइन बिल जनरेट करने की सुविधा देने के निर्देश दिए है, ताकि लोग घर बैठे ही नगर निगम की आफिशियल वेबसाइट पर जाकर प्रापर्टी टैक्स पेमेंट में जैसे ही अपना यूजर आई.डी. डालकर सर्च करेगे वैसे ही बिल खुद जनरेट हो जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को बिल मिल सकेगा साथ ही घर बैठे ही बिल का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। आयुक्त पंकज राय का कहना है कि लोगों को बिल लेने के लिए निगम कार्यालय आना पड़ रहा है। ऐसे में ऑनलाइन बिल जनरेट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी।

प्रापर्टी टैक्स पर उपभोक्ताओं को मिल रही 10 फीसदी की छूट

प्रशासन प्रापर्टी टैक्स बिल पर उपभोक्ताओं को 10 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान कर रहा है। एम.सी को अब तक करीबन 1 करोड़ रुपए तक की आमदनी टैक्स हो गई है। कर शाखा में टैक्स का भुगतान करने के लिए इन दिनों लोगों की भीड़ जुट रही है। शहर में 28 हजार प्रापर्टी टैक्स उपभोक्ता है जो टैक्स के दयारे में आते हैं। प्रशासन ने अप्रैल अंत तक सभी उपभोक्ताओं को बिल जारी करने को लक्ष्य रखा है।

1500 डिफाल्टरों ने किया भुगतान

मौजूदा समय में 1500 डिफाल्टरों से निगम को करीबन 5 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। एम.सी ने डिफाल्टरों पर 5 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया है। साथ ही हर महीने बिल पर 1 प्रतिशत की ब्याज भी वसूल की जा रही है। निगम की डिफाल्टरों की लिस्ट में आई.एस.बी.टी है। इससे निगम को करीबन साढे तीन करोड़ रुपए वसूल करने है जबकि कई सरकारी महकमें भी डिफाल्टरों की लिस्ट में शामिल है। इन डिफाल्टरों को सैक्शन 124 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।

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