Edited By kirti, Updated: 18 Aug, 2018 01:21 PM
शीत मरुस्थल के नैसर्गिक पर्यटन स्थलों में देश-विदेश के पर्यटक अब ढूंढे नहीं मिलेंगे। चंद्रताल के निर्जन स्थानों में बसाए गए टैंटों के गांव भी वीरान हो जाने से कैंपिंग व्यवसाय से जुड़े कारोबारी कैंपिंग व्यवस्था को समेटने के मूड में आ गए हैं। चंद्रताल...
उदयपुर : शीत मरुस्थल के नैसर्गिक पर्यटन स्थलों में देश-विदेश के पर्यटक अब ढूंढे नहीं मिलेंगे। चंद्रताल के निर्जन स्थानों में बसाए गए टैंटों के गांव भी वीरान हो जाने से कैंपिंग व्यवसाय से जुड़े कारोबारी कैंपिंग व्यवस्था को समेटने के मूड में आ गए हैं। चंद्रताल में कैंपिंग व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि टैंटों में पिछले एक सप्ताह से रुकने वाले पर्यटकों के दीदार दुर्लभ हो गए हैं। अतीत में बरसात के दौरान भी चंद्रताल में मौसम काफी सुहावना बना रहता था लेकिन इस बार शीत मरुस्थल में हो रही बारिश के साथ बढ़ रही ठंड ने पर्यटकों की आमद पर विराम लगा दिया है।
चंद्रताल के बेस कैंप बातल की कैंपिंग साइटों में भी सन्नाटा पसरने लगा है। छतडू में सीजनली ढाबे चला रहे कई लोगों ने कहा कि अमूमन अक्तूबर तक यहां के निर्जन पर्यटन स्थल गुलजार रहते थे लेकिन मौसम की बदली परिस्थितियों ने इस बार समय से पहले ही उनका धंधा मंदा कर दिया है।