Edited By Simpy Khanna, Updated: 03 Aug, 2019 02:33 PM
विश्व विख्यात शक्ति पीठ ज्वालामुखी मंदिर में आज तीसरे दिन ज्वाला मां का पूजन किया जाता है। ज्वाला देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह वे जगह है जहा माता सती के अंग गिरे थे। शास्त्रों के अनुसार ज्वाला देवी में सती की जिह्वा (जीभ) गिरी थी।
ज्वालामुखी(पंकज शर्मा):विश्व विख्यात शक्ति पीठ ज्वालामुखी मंदिर में आज तीसरे दिन ज्वाला मां का पूजन किया गया। ज्वाला देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह वे जगह है जहा माता सती के अंग गिरे थे।
शास्त्रों के अनुसार ज्वाला देवी में सती की जिह्वा (जीभ) गिरी थी। मान्यता है कि सभी शक्तिपीठों में देवी भगवान् शिव के साथ हमेशा निवास करती हैं। शक्तिपीठ में माता की आराधना करने से माता जल्दी प्रसन्न होती है। ज्वालामुखी मंदिर को ज्योता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। मंदिर की चोटी पर सोने की परत चढी हुई है।
आज श्रावण अष्टमी के तीसरे नवरात्रे को भी श्रद्धालुयों ने ज्वाला मां की ज्योतियों के दर्शन किए और मां का आशिर्वाद प्राप्त किया पर बारिश के मौसम के कारण श्रद्धालुओं की कमी नजर आयी। पुजारी अविनेदर शर्मा ने बताया की ज्वालामुखी मंदिर में तीसरे दिन चन्द्रघण्टा के रुप में ज्वाला मां का पूजन किया जाता है।
बाहर से आए श्रद्धालुयों की बात करे तो उन्होंने मां का आशिर्वाद प्राप्त करने के साथ-साथ मौसम का भी आनंद लिया।