कमियों वाले निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा, आयोग की टीम ने किया निरीक्षण

Edited By Ekta, Updated: 29 Jun, 2018 11:16 AM

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हिमाचल प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों का एक बार फिर निरीक्षण किया जा रहा है। कमियों वाले विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए यह निरीक्षण प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। निरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर...

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों का एक बार फिर निरीक्षण किया जा रहा है। कमियों वाले निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए यह निरीक्षण प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। निरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा। यदि इस बार भी किसी विश्वविद्यालय में कमियां सामने आती हैं तो आयोग नियमों के तहत कार्रवाई करेगा। बताते हैं कि पूर्व में हिमाचल में स्थापित विश्वविद्यालयों का निरीक्षण पिछले साल दिसम्बर माह में किया गया था। 


इस दौरान जिन निजी विश्वविद्यालयों में कमियां पाई गई थीं, उन्हें शीघ्र कमियां दूर करने के निर्देश दिए गए थे। अब जब नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है और इसके लिए आगामी दिनों में प्रक्रिया भी शुरू होगी। इसके दृष्टिगत नियामक आयोग निजी विश्वविद्यालयों का पुन: निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कमियों वाले निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसा जा सके। यदि पूर्व में पाई गई कमियां दोबारा होने वाले निरीक्षण में भी पाई जाती हैं तो आयोग कार्रवाई अमल में लाएगा। तय मानकों के तहत आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने पर ही विश्वविद्यालयों में नए प्रस्तावित कोर्स शुरू करने को लेकर अनुमति मिलेगी। 


आयोग द्वारा गठित निरीक्षण टीमों ने बीते वर्ष दिसम्बर माह में किए गए निरीक्षण के साथ ही संबंधित निजी विश्वविद्यालयों में पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश जारी किए थे। अब निजी विश्वविद्यालयों के प्रबंधनों द्वारा पूर्व में हुए निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए कदम उठाने होंगे। ऐसा न करने पर निजी विश्वविद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र  2018-19 के लिए प्रस्तावित नए कोर्स को संचालित करने की हरी झंडी नहीं मिलेगी।


इन बिंदुओं पर मांगी थी जानकारी
आयोग ने पिछले साल सितम्बर माह में निर्धारित फॉर्मेट पर सभी निजी विश्वविद्यालयों के प्रबंधनों को यहां कार्यरत प्रोफैसरों, असिस्टैंट प्रोफैसरों व एसोशिएट प्रोफैसरों का ब्यौरा अलग-अलग कॉलम में देने को कहा था। निजी विश्वविद्यालयों के प्रबंधनों ने च्वॉयस बेस्ड क्रैडिट सिस्टम (सी.बी.सी.एस.) लागू करने को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी भी डिटेल भेजने को कहा था। इसके अलावा बिल्डिंग फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, डिवैल्पमैंट फंड की डिटेल भी मांगी थी। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की शुरूआत होने से अब तक पासआऊट हुए विद्यार्थियों में से कितनों की सिक्योरिटी राशि रिफंड करना अभी शेष है, इसका भी ब्यौरा तलब किया गया था। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालयों की एक्रेडेशन स्टेटस की सूचना मांगी गई थी और अगर एक्रेडेशन प्राप्त है तो संबंधित कॉपी हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को भेजने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी मांगी गई थी। हि.प्र. निजी शिक्षण संस्थान नियाम आयोग के अध्यक्ष डा. के.के. कटोच ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों की निरीक्षण प्रक्रिया जारी है।

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