Edited By Simpy Khanna, Updated: 26 Aug, 2019 10:42 AM
बैजनाथ व पपरोला में ट्रैफिक जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। लोगों द्वारा अपने वाहनों को सड़क के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़ा करने तथा कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों का सामान सड़क में लगाई गई सफेद लाइन से भी आगे रखने के कारण रोजाना यहां...
बैजनाथ (ब्यूरो): बैजनाथ व पपरोला में ट्रैफिक जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। लोगों द्वारा अपने वाहनों को सड़क के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़ा करने तथा कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों का सामान सड़क में लगाई गई सफेद लाइन से भी आगे रखने के कारण रोजाना यहां पठानकोट-मंडी एन.एच. पर घंटों जाम लग रहा है। रविवार को भी बैजनाथ में जाम के कारण कई आर्मी के ट्रक भी फंसे रहे। इसके अलावा यहां के संपर्क मार्गों में भी कुछ लोगों द्वारा सड़क में ही दोनों तरफ अपने वाहन खड़े करने से हजारों लोगों व वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है। रविवार को पपरोला-उतराला रोड पर उताराला की तरफ जाने वाली बसों के लिए बनाए गए बस स्टॉप में कुछ लोगों द्वारा अपने वाहन खड़े कर देने से काफी देर तक जाम लगा रहा।
यहां से उताराला की तरफ जाने वाली बसों के चालकों को बसों में यात्रियों को बिठाना मुश्किल हो गया है। उन्हें रोजाना यहां स्थान न होने के कारण काफी जल्दी में यात्रियों को बसों में बिठाना पड़ रहा है। यही हाल बैजनाथ के पंडोल रोड का है। जिला मंडी के कई गांवों को बैजनाथ से जोडऩे वाले इस रोड में बस अड्डा बैजनाथ से करीब एक किलोमीटर आगे तक कुछ लोगों द्वारा दोनों तरफ अपने वाहन खड़े कर देने से यहां रोजाना कई वाहन फंस रहे हैं। इसके अलावा बैजनाथ के चौबीन चौक को कुछ साल पहले जाम की स्थिति से निपटने के लिए चौड़ा करने के कार्य के बाद अब यहां कुछ वाहन चालकों ने पार्किंग ही बना डाली है। बैजनाथ से चौबीन मार्ग का भी यही हाल है, यहां भी कुछ लोग अपने वाहनों को खड़ा रखते हैं।
नहीं चलते अब एस.डी.एम. के आदेश
पपरोला-उतराला मार्ग में कुछ समय पहले बाकायदा बसों के लिए एक बस स्टॉप बनाया गया था। यहां एस.डी.एम. के आदेश को दिखाता एक बोर्ड भी लगा है, लेकिन यहां पूरा दिन वाहन खड़े रहते हैं। जबकि उतराला जाने वाली बसों को बीच सड़क में खड़ा करना पड़ता है। यही हाल पपरोला बाजार में पालमपुर की तरफ जाने वाली बसों के लिए बनाए गए बस स्टॉप का है। यहां भी कुछ लोग अपने वाहन खड़े रखते हैं। इस कारण चालक बसों को एन.एच. में खड़ा करने पर मजबूर हो गए हैं।