भाजपा नेता को थाने बुलाने पर कसौली थाना प्रभारी सहित 6 पुलिस कर्मी ट्रांसफर

Edited By Vijay, Updated: 29 Jun, 2019 10:22 PM

sho and police personnel transferred

कसौली थाना के एस.एच.ओ. सहित 6 पुलिस कर्मियों की ट्रांसफर से कई सवाल खड़े हो गए हैं। राजनीतिक दबाव को इन ट्रांसफर का कारण बताया जा रहा है। हालांकि एस.पी. सोलन ने इसे रूटीन की प्रक्रिया बताया है।

सोलन (नरेश पाल): कसौली थाना के एस.एच.ओ. सहित 6 पुलिस कर्मियों की ट्रांसफर से कई सवाल खड़े हो गए हैं। राजनीतिक दबाव को इन ट्रांसफर का कारण बताया जा रहा है। हालांकि एस.पी. सोलन ने इसे रूटीन की प्रक्रिया बताया है। थाना प्रभारी सहित पुलिस कर्मियों की कानून के तहत की जा रही कार्रवाई कुछ स्थानीय नेताओं को रास नहीं आ रही थी। इसी का नतीजा है कि उन्हें ईमानदारी का ईनाम ट्रांसफर के रूप में मिला है। 

ड्रंक एंड ड्राइव के चालान ने किया आग में घी डालने का काम

सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से स्थानीय नेताओं की कसौली पुलिस के साथ जम नहीं रही थी। एक नेता के ड्रंक एंड ड्राइव के चालान ने इसमें आग में घी डालने का काम किया। यह चालान स्थानीय नेताओं की नाक का सवाल बन गया। कसौली की शांत फिजाओं में कई दिनों तक यह मामला गर्माया रहा। यह मामला अभी शांत ही हुआ था कि एक अन्य मामले में भाजपा के एक बड़े नेता की कसौली थाने में शिकायत हो गई। मामला गंभीर था तो पुलिस ने उस नेता को भी थाने में बुला लिया क्योंकि शिकायतकर्ता थाने में पहले से ही मौजूद थे।

दोनों पक्षों के बीच हो गया था समझौता

मजेदार बात यह है कि पुलिस दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाने में कामयाब हो गई। स्थानीय नेता पर मामला दर्ज होने से बच गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान उक्त नेताओं की थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों के साथ बहसबाजी हो गई। बता दें कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सहजल का यह निर्वाचन क्षेत्र है। स्थानीय नेताओं ने पुलिस अधिकारियों पर ऐसा दबाव बनाया कि 6 पुलिस कर्मचारियों के पुलिस लाइन सोलन को तबादले ही हो गए हैं।

कसौली डेढ़ वर्ष से कानून व्यवस्था को लेकर कटघरे में

मई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण गिराने गई ए.टी.पी. अधिकारी शैल बाला व लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी गुलाब सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई थी।

अचानक ट्रांसफर से उठ रहे कई सवाल

परवाणु में यूनियन विवाद के चलते गोली चलने के अलावा इंटक प्रदेश अध्यक्ष हरदीप बावा पर जानलेवा हमला हुआ था। यह विवाद सरकार के लिए गले की फांस बन गया था। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद यह मामला शांत हुआ। अब कसौली थाना से थाना प्रभारी, मुंशी, 2 हैड कांस्टेबल व 2 कांस्टेबल की अचानक ट्रांसफर होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एस.पी. मधुसूदन शर्मा का कहना है कि ट्रांसफर एक रूटीन कार्य है। पुलिस जिला सोलन में 62 कर्मियों की ट्रांसफर की गई हैं, जिसमें कसौली थाना का स्टाफ भी शामिल है।

सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता

जिला अध्यक्ष कांग्रेस शिव कुमार ठाकुर ने कहा कि कसौली में भाजपा नेता सत्ता के नशे में चूर हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि सरकार स्थायी नहीं, केवल 5 वर्ष के लिए है, जिसमें से डेढ़ वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सत्ता के नशे में नेता कर्मचारियों को धमकाने का काम कर रहे हैं। जो कर्मचारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं, उनकी ट्रांसफर की जा रही है। कांग्रेस इसका विरोध करेगी।

 

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