Edited By Vijay, Updated: 01 Jun, 2018 12:31 AM
हिमाचल कांग्रेस ने राजधानी शिमला सहित प्रदेश के 30 शहरों में चल रहे घोर जल संकट को पेयजल आपातकाल करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने जारी बयान में कहा है कि यह आज तक का सबसे बड़ा पेयजल संकट है और इससे महामारी फैलने का भी...
शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने राजधानी शिमला सहित प्रदेश के 30 शहरों में चल रहे घोर जल संकट को पेयजल आपातकाल करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने जारी बयान में कहा है कि यह आज तक का सबसे बड़ा पेयजल संकट है और इससे महामारी फैलने का भी अंदेशा है, ऐसे में स्वास्थय विभाग को दो कदम आगे बढ़कर एतियात बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पीने के पानी की इतनी कमी राजधानी और प्रदेश के बड़े शहरों में कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा है कि कई क्षेत्रों में 8 से 11 दिन तक पानी नहीं मिला, जिससे महामारी फैलने का अंदेशा है।
आई.पी.एच. विभाग का पूरा प्रशासनिक ढांचा धराशायी
उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में सरकार के साथ ही आई.पी.एच. विभाग का पूरा प्रशासनिक ढांचा धराशायी हो गया है। शिमला शहर में भारी पेयजल संकट ने पर्यटकों के सामने हिमाचल प्रदेश का विपरीत चेहरा प्रस्तुत किया है। पानी के नाम पर पर्यटकों को लूटा जा रहा है। इससे देशभर में हिमाचल की फजीहत हो रही है। चूंकि इन दिनों शिमला में पर्यटन अपने चरम पर है। उन्होंने कहा कि सरकार इतने दिनों से चले आ रहे जल संकट को दूर करने के लिए कोई ठोस योजना ही नहीं बना पाई। इससे साफ पता चलता है कि अनुभव की कमी के कारण सरकार अपने अफसरों से काम ही नहीं ले पा रही।
निगम के समानांतर सरकार चलाने से खड़ा हुआ घोर जल संकट
उन्होंने कहा कि शिमला में समानांतर सरकार चल रही है। जयराम सरकार, नगर निगम व आई.पी.एच विभाग का आपस में कोई तालमेल ही नहीं है। निगम के समानांतर सरकार चलाने से ही शहर में घोर जल संकट खड़ा हुआ है। निगम अपने स्तर पर समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि टैंकरों द्वारा जो सप्लाई की जारी है, उसमें बहुत बड़ा घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रबंधक बताएं कि यह सप्लाई किसके द्वारा और कितने रुपए में मुहैया करवाई जा रही है और इसके पैसे किसे जा रहे हैं।