बेरोजगारों के लिए खोली फर्म, लोगों से ठगे हजारों रुपए

Edited By Kuldeep, Updated: 12 Apr, 2019 09:18 PM

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फर्म खोलने के नाम पर अब बेरोजगारों से भी पैसे ठगे जा रहे हैं। जहां बेरोजगार नौकरी पाने के लिए पैसे न होने पर दर-दर भटक रहे हैं, वहीं बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इस तरह का मामला शिमला में सामने आया है।

शिमला (जस्टा): फर्म खोलने के नाम पर अब बेरोजगारों से भी पैसे ठगे जा रहे हैं। जहां बेरोजगार नौकरी पाने के लिए पैसे न होने पर दर-दर भटक रहे हैं, वहीं बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इस तरह का मामला शिमला में सामने आया है। हुआ यह कि बी.सी.एस. में शिवशक्ति हिमाचली के नाम से एक ऑफिस खोला गया और फर्म के तहत युवाओं को रोजगार देने का झांसा दिया गया। फर्म में तैनात अधिकारी ने मार्च महीने में 16 के करीब युवाओं की भर्ती की। जिन लोगों की पहले भर्ती की गई, उन्हें कहा गया कि अब अधिक से अधिक लोगों को इस फर्म से जोडऩा है। ऐसे में सभी लोगों ने काम करना शुरू किया। इस फर्म के तहत युवा लोगों का काम हाथों से कपड़े, जुराब व अन्य चीजों को तैयार करना था। फर्म से 83 के करीब लोगों को जोड़ा गया। लोग भी नौकरी करने के लिए बहकावे में आ गए।

प्रत्येक को 10 से 25 हजार रुपए वेतन देने की बात कही थी

इस फर्म में लड़के-लड़कियां काम कर रहे थे। युवाओं से नियुक्ति के नाम पर भी पैसे वसूले गए। प्रत्येक को आगे बेरोजगारों को फर्म से जोडऩे को कहा गया। बताया जा रहा है कि फर्म की निदेशक ने पंथाघाटी में फैक्टरी खोलकर वहां काम देने की बात कही। निदेशक ने प्रत्येक युवक को 10 से 25 हजार रुपए के बीच वेतन देने की बात कही थी। ऐसे में युवाओं ने भी फर्म में भर्ती होने के लिए पैसे जमा करवा दिए। पहले तो युवाओं ने काम करना शुरू किया लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिला तो इससे संबंधित फर्म के निदेशक से बात की गई लेकिन उन्होंने वेतन देने से मना कर दिया। ऐसे में युवाओं को तभी पता चला कि उनके साथ निदेशक ने धोखाधड़ी की है। हालांकि युवाओं द्वारा जो पैसा भर्ती होने के लिए निदेशक को दिया गया था उसे भी वापस देने की मांग की गई लेकिन निदेशक ने उन्हें साफ तौर पर मना कर दिया। इस संबंध में बेरोजगार युवा लोगों ने मामले की शिकायत पुलिस थाना न्यू शिमला में दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। अब पुलिस की जांच में ही सामने आएगा कि उस फर्म का मालिक कौन था और उसने यह फर्म कैसे चलाई। फर्म के मालिक पर अब गाज गिरना तय है।


नियुक्ति के नाम पर प्रत्येक से वसूले 3 से 5 हजार

जब फर्म का काम शुरू हुआ तो उस दौरान बेरोजगारों से नियुक्ति के नाम पर 3 से 5 हजार रुपए वसूले गए। बेरोजगारों ने भी नौकरी पाने के लिए ये पैसे जमा करवा दिए। बताया जा रहा है कि जिन लोगों के पास पैसे नहीं थे उन्होंने भी दूसरों से पैसे उधार लेकर फर्म में भर्ती होने के लिए फीस जमा करवाई।

कुछ गृहिणियों को भी लगाया चूना

बताया जा रहा है कि नौकरी का झांसा देकर गृहिणियों को भी चूना लगाया गया। फर्म से गृहिणियों को भी जोड़ा गया था लेकिन उन्हें भी कोई नौकरी नहीं मिल पाई। जहां गृहिणी महिलाओं के पास समय का अभाव होता है, वहीं वे इस बहकावे में आ गईं कि हाथ का काम वे आराम से कर सकती हैं। ऐसे में वे रोजगार पाने के लिए फर्म से जुड़ गईं।

पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज कर ली है

एस.पी. शिमला ओमापति जम्वाल का कहना है कि यह मामला पुलिस के ध्यान में आया है। थाना न्यू शिमला के तहत पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज कर ली है। पुलिस की जांच में पता लगाया जाएगा कि आखिर लोगों को किस तरह से ठगी का शिकार बनाया गया है। मामले को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है।

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