Edited By Ekta, Updated: 29 Oct, 2018 10:18 AM
राजधानी शिमला में अभी तक स्क्रब टाइफस का कहर खत्म नहीं हुआ है और अब बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। 18 बच्चे अभी भी आई.जी.एम.सी. में भर्ती हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। ये मामले प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए हैं। रोजाना 2-3 मामले...
शिमला (जस्टा): राजधानी शिमला में अभी तक स्क्रब टाइफस का कहर खत्म नहीं हुआ है और अब बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। 18 बच्चे अभी भी आई.जी.एम.सी. में भर्ती हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। ये मामले प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए हैं। रोजाना 2-3 मामले आई.जी.एम.सी. में निमोनिया के आ रहे हैं। रोजाना आ रहे मामलों को देखकर चिकित्सक भी हैरान हैं। इन दिनों सुबह और शाम को ठंड के चलते बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं।
ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों का ध्यान रखना होगा। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो नवजात को ज्यादा परेशान करती है। निमोनिया में बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण होने की वजह से सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। बच्चों के एक या दोनों फेफड़ों में पस और तरल पदार्थ भर जाते हैं जिससे फेफड़े के ऑक्सीजन ग्रहण करने में रुकावट पैदा होने लगती है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस व फंगल इन्फैक्शन की वजह से होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
निमोनिया के संक्रमण से बचाने के लिए अपने बच्चे को इसकी वैक्सीन जरूर लगाएं। इससे आपके बच्चे को निमोनिया की संभावना कम हो जाती है।