एस.एफ.आई. का वि.वि. कुलपति पर भगवाकरण का आरोप, वि.वि. के खिलाफ आंदोलन का ऐलान

Edited By Kuldeep, Updated: 27 Jul, 2019 05:17 PM

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एस.एफ.आई. ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उपकुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एस.एफ.आई. ने शनिवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया है कि वि.वि. के उपकुलपति सिकंदर कुमार वि.वि. का भगवाकरण...

शिमला, (तिलक): एस.एफ.आई. ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उपकुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एस.एफ.आई. ने शनिवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया है कि वि.वि. के उपकुलपति सिकंदर कुमार वि.वि. का भगवाकरण करने में लगे हुए हैं। एस. एफ.आई. ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है जिसके लिए कुलपति, वि.वि. प्रशासन व प्रदेश सरकार समान रूप से जिम्मेदार हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 50 वर्षों के इतिहास में पहली बार प्रशासनिक ढांचा इतना चरमरा चुका है कि वि.वि. के कुलपति के रूप में सिकंदर कुमार ने शपथ ली तो उन्होंने पहला बयान यह दिया कि मैं आर.एस.एस. की वजह से यहां तक पहुंचा हूं और ताउम्र इस विचार के लिए काम करूंगा। इस बात का सिकंदर साहब समय-समय पर खूबी सबूत भी देते रहते हंै। विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज अरविन्द कालिया भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। एस.एफ.आई. के राज्य अध्यक्ष विक्रम कायथ ने बताया कि आई.सी.ई.डी.ओल. के निदेशक कुलवंत पठानिया 10 महीनों में पीएच.डी. करवाने का कारनामा कर चुके हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव आऊटसोर्स के माध्यम से वि.वि. में आर.एस.एस. और बी.जे.पी. के लोगों की भर्तियां करवाने में लीन हैं।

वि.वि. में ऑनलाइन प्रणाली के खस्ता हालात हंै

प्रदेश के ज्यादातर कालेजों में प्रिंसीपल की कुर्सी पर ऐसे लोगों को बिठाया गया है जो अपने-अपने कालेज में ए.बी.वी.पी. का काम प्रत्यक्ष रूप से कर रहे हैं, ऐसे लोगों का विश्वविद्यालय व कालेज के प्रशासन में होना यह दर्शाता है कि ये किस मंशा से इन पदों पर आसीन हंै। विश्वविद्यालय प्रशासन की बागडोर इस तरह के लोगों के हाथ में होने के कारण पिछले एक साल से विश्वविद्यालय का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। उनका आरोप है कि वि.वि. में ऑनलाइन प्रणाली के खस्ता हालात हंै। विश्वविद्यालय के अधीन सभी कालेजों के छात्रों की हालात दयनीय बनी हुई है। विश्वविद्यालय में ए.बी.वी.पी.को मिलता संरक्षण मिल रहा है। एसएफआई राज्य अध्यक्ष विक्रम कायथ का कहना है कि विश्वविद्यालय व कालेजों में  छात्र संघ चुनाव न करवाना छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

तमाम मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा

एस.एफ.आई. एच.पी.यू. में व्याप्त इन तमाम समस्याओं, भ्रष्टाचार व नाइंसाफी के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत 29 जुलाई को कोटशेरा कालेज प्रिंसीपल पी.के. सलारिया की तानाशाही के खिलाफ कॉलेज में धरना-प्रदर्शन व प्रिंसीपल का घेराव करके करेगी। 30 व 31 जुलाई को प्रदेश के तमाम कालेज व वि.वि. में इन सभी मुद्दों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा जिसे कुलपति तक पहुंचाया जाएगा। 1 अगस्त को हिमाचल के प्रत्येक कॉलेज व वि.वि. में इन तमाम मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। अगर प्रशासन फिर भी नहीं मानता है तो इस आंदोलन को और व्यापक व उग्र किया जाएगा जिसके जि़म्मेदार कुलपति, प्रशासन व प्रदेश सरकार होंगे।

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