उद्घाटन पट्टिकाओं को नुक्सान पहुंचाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : जयराम

Edited By Kuldeep, Updated: 09 Feb, 2021 09:36 PM

shimla opening plaque damage action

लगातार 2 दिन तक चली विधायक मैराथन बैठकों में 68 में से 57 विधायकों ने अपनी प्राथमिकताओं के साथ समस्याओं को गिनवाया।

शिमला (कुलदीप): लगातार 2 दिन तक चली विधायक मैराथन बैठकों में 68 में से 57 विधायकों ने अपनी प्राथमिकताओं के साथ समस्याओं को गिनवाया। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तरफ से लिखित में सुझाव उपलब्ध करवाए गए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायक प्राथमिकता बैठक के चौथे एवं अंतिम सत्र में कहा कि सरकार विकास कार्यों की आधारशिलाओं और लोकार्पण पट्टिकाओं को नुक्सान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने जिलाधीशों को निर्देश दिए कि जिन पट्टिकाओं को नुक्सान पहुंचाया गया है, उन्हें तुरंत ठीक किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष में 1 बार योजना बैठक का आयोजन जिला स्तर पर भी किया जाएगा, ताकि निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी विकासात्मक आवश्यकताओं को सरकार के समक्ष रख सके।

उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान 2,033 करोड़ रुपए लागत की 433 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की गई थीं, जबकि वर्तमान सरकार की 3 वर्ष की अवधि में 2,382 करोड़ रुपए की 639 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसी प्रकार पूर्व सरकार के पहले 3 वर्ष के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकताओं के कार्यान्वयन के लिए 1,276 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने 3 वर्ष के कार्यकाल में 2,221 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। बैठक के अंतिम सत्र में सोलन, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के विधायकों ने भाग लिया। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इस अवसर पर मौजूद थे।

जिला किन्नौर :
जगत सिंह नेगी : किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने एफ.आर.ए. और एफ.सी.ए. मंजूरी में देरी पर चिंता व्यक्त की, जिस कारण लम्बे समय से विभिन्न परियोजनाओं का काम रुका पड़ा है। उन्होंने केंद्र सरकार से सीमा क्षेत्र विकास योजना का मामला उठाने का आग्रह किया, ताकि इससे पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने नागरिक अस्पताल रिकागंपिओ में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराने तथा जनजातीय क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बागवानी और कृषि क्षेत्रों में अधिक से अधिक बजट आबंटित करने की मांग की।

जिला सोलन :
लखविंद्र सिंह राणा : नालागढ़ के विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में घरों के नक्शों की ऑनलाइन स्वीकृति प्रक्रिया आरंभ करने की मांग की। उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए नालागढ़ में अनाज मंडी खोलने तथा कम वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिए 33 के.वी. के 2 उपकेंद्र स्वीकृत करने और नालागढ़ अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ तैनाती की मांग की।

परमजीत सिंह पम्मी : दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने दून विधानसभा क्षेत्र में उपमंडल तथा बद्दी में एस.डी.एम. और बी.डी.ओ. कार्यालय खोलने की मांग की। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के ऊपरी क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने, बद्दी में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का कार्य शीघ्र पूरा करने और कुठेड़ उप तहसील को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने की मांग की।

डा. धनीराम शांडिल : सोलन के विधायक डा. धनीराम शांडिल ने अपने क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं के लिए डी.पी.आर. शीघ्र तैयार करने और सोलन शहर में ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए शामती बाईपास के निर्माण को जल्द पूरा करने की मांग की। उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटी-देयोरा और कोटला के भवनों को शीघ्र पूरा करने तथा सोलन शहर में पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध करवाने की मांग की।

जिला शिमला :
विक्रमादित्य सिंह : शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने समयबद्ध तरीके से डी.पी.आर. तैयार करने, सुन्नी में उचित मल निकासी सुविधा उपलब्ध करवाने और सुन्नी के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल सुविधा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने अंतिम चरण की परियोजनाओं के लिए धन का विशेष रूप से प्रावधान करने, डलोग घाट से धरोगड़ा सड़क का कार्य आरंभ करने और टुटू सब्जी मंडी को शीघ्र कार्यशील बनाने का आग्रह किया।

बलबीर सिंह वर्मा : चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने चौपाल स्थित नागरिक अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने और इसके भवन निर्माण के लिए उपयुक्त धनराशि उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने अपने क्षेत्र में 66 के.वी. बिजली उपकेंद्र स्थापित करने, कुछ ट्रांसफार्मर स्तरोन्नत करने, वन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण चौपाल में अटल आदर्श विद्यालय की स्थापना के कार्य में शीघ्र पूरा करने के अलावा ने नेरवा बस अड्डे का काम शीघ्र पूरा करने की मांग की। उन्होंने वन विश्राम गृहों के जीर्णोंद्धार का मामला भी उठाया।

राकेश सिंघा : ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने हाटू मंदिर के लिए वन-वे सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाने, नारकंडा को प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरानी भारत-तिब्बत सड़क को साइकलिंग रूट के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने लघु और सीमांत किसानों के लिए बजट में एक विशेष योजना का प्रावधान करने, ठियोग बाईपास के कार्य में तेजी लाने तथा खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने की मांग की। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि विधायक प्राथमिकता की पिछली डी.पी.आर. बनाने में सरकार नाकाम रही है।

अनिरुद्ध सिंह : कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिरुद्ध सिंह ने शिमला शहर में यातायात समस्या के समाधान के लिए लक्कड़-बाजार बस स्टैंड को ढली स्थानांतरित करने तथा अपने विधानसभा क्षेत्र में कुछ सड़कों की डी.पी.आर. को शीघ्र बनाने की मांग की। उन्होंने न्यू शिमला के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने, नाबार्ड के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए आबंटन की सीमा 120 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपए करने, नागरिक अस्पताल जुन्गा में चिकित्सकों के पर्याप्त पद भरने और मशोबरा-भेखल्टी सड़क पर और क्रैश बैरियर लगाने का आग्रह किया।

मोहन लाल ब्राक्टा : रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने नाबार्ड की धनराशि में वृद्धि करने, रोहड़ू अस्पताल में एक्स-रे मशीन की मुरम्मत व उचित रखरखाव करने तथा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त करने की मांग की। उन्होंने चांशल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और उत्तराखंड के सीओ दोगरी से शिमला जिला के डोडरा-क्वार के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग बनाने की भी मांग की।

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