Edited By Ekta, Updated: 15 Oct, 2018 04:48 PM
हिमाचल प्रदेश में 60 साल से तिब्बतियों को शरण देने के लिए तिब्बती समुदाय ने शिमला के रिज मैदान पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोब सांग सांगेय ने हिमाचल सरकार और लोगों का तिब्बतियों को शरण देने के...
शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश में 60 साल से तिब्बतियों को शरण देने के लिए तिब्बती समुदाय ने शिमला के रिज मैदान पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री लोब सांग सांगेय ने हिमाचल सरकार और लोगों का तिब्बतियों को शरण देने के लिए धन्यवाद किया। उनके प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय ने कहा कि भारत की दाल-रोटी खाकर तिब्बती लोग भी बुद्धिमता भारतीय हो गए हैं। तिब्बती समुदाय के लिए जो भारत देश ने किया है, वह कोई दूसरा देश नहीं कर सकता। भारत की इस महानता के लिए तिब्बत के लोग हमेशा आभारी रहेंगे।
दलाई लामा भी खुद को भारत का बेटा मानते हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बतियन लगातार तिब्बत की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं तिब्बतियों के तीसरे गुरु करमापा के विषय पर सांगेय ने कहा कि वे जल्द भारत वापिस लौटेंगे और नवंबर में धर्मशाला में होने वाली तिब्बती धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल ने कहा कि अतिथि भारत के लिए देवता सम्मान होते हैं और तिब्बत तो भारत का पड़ोसी भी है, मित्र भी।
मानव सभ्यता का विकास तिब्बत से हुआ है उसके बाद पूरे विश्व में सभ्यता जानी। दुनिया में शांति केवल एकता में ही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारत और तिब्बत का रिश्ता बहुत प्राचीन है। तिब्बत के लोग खराब हालात के चलते भारत आए थे, मुझे उम्मीद है तिब्बत के हालत जल्द ठीक होंगे और ये लोग वापिस अपने मात्रभूमि में जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में लगभग 12 हजार तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं।