धर्मशाला में नकारी कंपनी को शिमला को स्मार्ट बनाने का जिम्मा

Edited By Ekta, Updated: 16 Jun, 2019 12:51 PM

shimla is responsible for making the nakari company in dharamshala

राज्य सरकार ने धर्मशाला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट पर नकारी ‘दा एलमंड एग्जीक्यूटिव कंपनी’ को ही गुपचुप तरीके से शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट का दायित्व सौंपा है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कंपनी को शिमला स्मार्ट सिटी की प्रोजैैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टेट...

शिमला (वंदना): राज्य सरकार ने धर्मशाला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट पर नकारी ‘दा एलमंड एग्जीक्यूटिव कंपनी’ को ही गुपचुप तरीके से शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट का दायित्व सौंपा है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कंपनी को शिमला स्मार्ट सिटी की प्रोजैैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टेट पी.एम.सी. तैनात कर दिया गया है। इसी कंपनी को धर्मशाला को स्मार्ट बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। कंपनी की कार्यप्रणाली पर पहले से सवाल उठाए जा चुके हैं। इस कंपनी की कार्यप्रणाली पर नगर निगम धर्मशाला के मेयर कई बार गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने इसको लेकर केंद्र में निदेशक स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट तथा प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग को पत्र लिखकर कंपनी को हटाने तथा गाइडलाइन के मुताबिक काम न करने पर कार्रवाई की मांग भी उठाई है। 

पत्र में हवाला दिया गया है कि कंपनी द्वारा धर्मशाला में कोई भी कार्य निर्धारित समय के भीतर नहीं किए गए हैं और न ही कंपनी कार्यों को लेकर गंभीर है, ऐसे में राज्य सरकार ने धर्मशाला के मेयर के आरोपों को परवाह किए बगैर ही शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट भी इसी कंपनी के हवाले कर दिया है। सरकार की ओर से पी.एम.सी. की तैनाती कर दी गई है, साथ ही कंपनी को जल्द ही प्रोजैक्ट की डी.पी.आर. तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले अढ़ाई साल से स्मार्ट सिटी शिमला के लिए पी.एम.सी. की तैनाती नहीं करने को लेकर प्रोजैक्ट लटका हुआ था, ऐसे में पी.एम.सी. की तैनात होने से जल्द ही प्रोजैक्ट की डी.पी.आर. तैयार हो सकेगी। जानकारी के मुताबिक कंपनी को टैंडर दे दिया गया। इसके तहत करीब 25 करोड़ का कार्य भी कंपनी को सौंप दिया गया है।

स्मार्ट सिटी की बी.ओ.डी. भंग कर चुकी है सरकार

शिमला व धर्मशाला स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के संचालन के लिए सरकार से मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई स्पैशल पर्पज व्हीकल (एस.पी.वी) की बो.ओ.डी. को भंग कर दिया है। सरकार से दोनों ही शहरों में प्रोजैक्ट के तहत कार्य धीमी गति से चलने को लेकर एस.पी.वी. के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर को भंग किया है। अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एस.पी.वी. की बी.ओ.डी. का गठन किया गया है जिसमें मुख्य सचिव दोनों शहरों की स्मार्ट सिटी वर्क की समीक्षा करेंगे और इनकी अध्यक्षता में ही स्मार्ट सिटी की बैठकें आयोजित होंगी।

शिमला स्मार्ट सिटी के लिए 2905.97 करोड़ का प्लान

शिमला शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 2905.97 करोड़ रुपए का प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत शिमला शहर के अर्बन ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुधारा जाएगा, साथ ही शहर में अति आधुनिक पार्किंगों को निर्माण किया जाना है, सड़कों को चौड़ा किया जाएगा, शहर के लोअर बाजार, राम बाजार व कृष्णानगर वार्डों को दोबारा से विकसित किया जाएगा। शहर में रोप-वे, लिफ्ट व ओवरब्रिज इत्यादि का निर्माण किया जाना है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने, शहर में पब्लिक एरिया में ई-टॉयलेट की स्थापना, कूड़े का वैज्ञानिक विधि से निष्पादन के लिए शहर में डी-कंपोस्टिंग प्लांट स्थापित करने, कूड़ा सही तरीके से ठिकाने पहुंचाने के लिए कचरा काम्पैक्टर इत्यादि शामिल है। इस प्रोजैक्ट के तहत आम जनता को तमाम वे सुविधाएं मिलेंगी जोकि एक स्मार्ट शहर में होती हैं।

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