हिमाचल में बसों को चलाने पर आज तैयार होगा मास्टर प्लान

Edited By Kuldeep, Updated: 25 May, 2020 11:27 PM

shimla himachal bus run plan

हिमाचल में बसों को चलाने के लिए परिवहन विभाग व एचआरटीसी प्रबंधन मंगलवार को मास्टर प्लान तैयार करेगा।

शिमला (राजेश): हिमाचल में बसों को चलाने के लिए परिवहन विभाग व एचआरटीसी प्रबंधन मंगलवार को मास्टर प्लान तैयार करेगा। इस प्लान में सबसे पहले यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए नियम बनाए जाएंगे, जिसमें सोशल डिस्टैंसिंग, सैनिटाइजेशन व लोगों के हाथों को सैनिटाइजेशन को लेकर खास इंतजाम किए जाने पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश में कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार द्वारा पहले से ही जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हिमाचल की नई गाइडलाइन तैयार होगी। विभाग व निगम यह तैयार गाइडलाइन सरकार को सौंपेगी, जिसमें सरकार मंजूरी देगी और बसों के चलने से पहले नए नियमों को लागू करेगी। जानकारी के अनुसार बसों को चलाने में 60 प्रतिशत सवारियां बैठेंगी, ऐसे में जहां बस में दो सवारियां बैठती हैं, वहां पर 1 और जहां पर 3 सवारियां बैठती हैं, वहां पर दो सवारियां बैठेंगी। वहीं परिचालक कैसे टिकट देगा, यात्रियों को खुद परिचालक से टिकट लेना होगा या फिर कंडक्टर यात्रियों के पास टिकट देने जाएगा। इस पर भी अहम चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त बसों में सैनिटाइजर कहां रखा जाएगा और जिन यात्रियों के पास मास्क नहीं होंगे, उन्हें मास्क कहां से उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा चालक व परिचालकों को पीपीई किट दिए जाने पर भी निर्णय लिया जाएगा।

बाहरी राज्यों को चलने वाले चालकों की भी एडजैस्ट होगी ड्यूटी
प्रदेश में फिलहाल इंटर सिटी व डिस्ट्रीक बस सेवा शुरू होने जा रही है। ऐसे में प्रदेश से बाहरी राज्यों को चलने वाले चालक-परिचालकों की ड्यूटी भी निगम प्रबंधन निर्धारित करेगा। इस पर भी निगम कई निर्णय ले सकता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न जिलों से चालकों व परिचालकों को लाने के लिए प्रबंध करने के निर्णय भी इसी बैठक में लिए जाएंगे।

निगम की बढ़ सकती है परेशानी, नहीं चलेगी 3500 निजी बसें
प्राइवेट बस ऑपे्रटर्ज ने फैसला लिया है कि वह 60 प्रतिशत यात्रियों पर बसें नहीं चलाएंगे। ऐसे में अब निगम की परेशानी भी बढ़ सकती है, क्योंकि प्रदेश में निजी बसों का आंकड़ा निगम की बसों से अधिक है। जहां निगम के पास करीब 3300 बसें हैं, वहीं प्राइवेट बसों का 3500 का आंकड़ा है। वहीं शहरों में आवाजाही प्राइवेट बसों पर अधिक निर्भर है, लेकिन दूसरी और हिमाचल संयुक्त समन्वय समिति के पदाधिकारियों का दावा यह भी है कि निजी बसें चलने से प्रदेश में कोई परेशानी नहीं होगी। इंटर स्टेट चलने वाली बसों को प्रदेश के लांग व लोकल रूटों पर चलाया जाएगा और एचआरटीसी आसानी से इस परेशानी से निपटेगा।

 

 

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