Edited By Updated: 27 Dec, 2016 12:29 PM
शिमला घूमने आए कुछ सैलानियों की माने तो शिमला में एक हफ्ते रुकने का कार्यक्रम था लेकिन नोटबंदी के चलते अब 2 दिन का ही प्रोग्राम है। बता दें कि शिमला में सबसे ज्यादा दिक्कत कैश की आ रही है कई ए टी एम् में पैसे नहीं ...
शिमला: शिमला घूमने आए कुछ सैलानियों की माने तो शिमला में एक हफ्ते रुकने का कार्यक्रम था लेकिन नोटबंदी के चलते अब 2 दिन का ही प्रोग्राम है। बता दें कि शिमला में सबसे ज्यादा दिक्कत कैश की आ रही है कई ए टी एम् में पैसे नहीं हैं और जो पैसे साथ लाये हैं छुट्टे न मिलने के चलते काफी परेशानी हो रही है। हालंकि एटीएम कार्ड साथ में है लेकिन कई जगहों पर स्वाइप मशीन न होने चलते खरीदारी करने में दिक्कत आ रहे है। उधर होटल कारोबारियों की माने तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार पर्यटन कारोबार में काफी गिरावट आई है। इसका सबसे बड़ा कारण नोटबंदी माना जा रहा है।
बजट होटलों में नोटबंदी की मार सबसे ज्यादा
हालात ये हैं की बजट होटलों में नोटबंदी की मार सबसे ज्यादा है। कई लोग लीज पर होटल लेकर चला रहे हैं और इस साल कारोबार न के बराबर ही रहा है। सीजन पीक पर है होटल कारोबारी पर्यटकों को रिझाने के लिए विशेष डिस्काउंट और आकर्षक पैकेज दे रहे हैं लेकिन अभी तक होटल खाली पड़े हैं। ऐसे में सबकी नजर अब सिर्फ नए साल की बुकिंग पर टिकी हुई हैं। एक निजी होटल ने कॉर्पोरेट मेनेजर राकेश शर्मा के मुताबिक़ शिमला समेत मनाली, डलहौजी पर्यटन कारोबार का यही हाल है।
नोटबंदी के बाद पर्यटन कारोबार में गिरावट
गौरतलब है कि पिछले साल होटल पूरी तरह से पेक थे लेकिन इस बार ऑक्युपेंसी 60 से 70 फीसदी है। वहीँ होटलियर एसोसिएशन के प्रधान नवीन पॉल ने बताया की नोटबंदी के बाद पर्यटन कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हिमाचल में पर्यटन कारोबार इस समय न के बराबर है। पर्यटन कारोबार को करीब 350 करोड़ का सीधे तौर पर नुक्सान हुआ है। होटलों में एडवांस बुकिंग न के बराबर है।