शांता बोले-जिस समुदाय के लिए किया ऐतिहासिक कार्य उसकी भावनाएं आहत नहीं कर सकता

Edited By Vijay, Updated: 17 Mar, 2019 11:19 PM

shanta said can not hurt feelings of community

सांसद शांता कुमार ने कहा कि जिस समुदाय के लिए ऐतिहासिक कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है उस समुदाय की भावनाएं आहत करने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शब्दों के हेरफेर से किसी की भावनाएं आहत हुईं हैं तो वे इसके लिए खेद...

पालमपुर: सांसद शांता कुमार ने कहा कि जिस समुदाय के लिए ऐतिहासिक कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है उस समुदाय की भावनाएं आहत करने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शब्दों के हेरफेर से किसी की भावनाएं आहत हुईं हैं तो वे इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि न तो उनकी मंशा गलत थी न ही आज दिन तक उन्होंने किसी भी व्यक्ति या समुदाय या वर्ग की भावनाओं को आहत करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन सेवा से परिपूर्ण रहा है। जहां तक गद्दी समुदाय का संबंध है उनके राजनीतिक जीवन में सबसे निकटता का संबंध इसी समुदाय से रहा है तथा अपने राजनीतिक जीवन में यदि वह सबसे अधिक किसी के लिए कर सके हैं तो इसी वर्ग के लिए कर सके हैं तथा समुदाय ने भी उन्हें भरपूर समर्थन दिया है।

समुदाय से गहरा आत्मीय संबंध

उन्होंने कहा कि जब वह चुनाव भी हारे तो उन क्षेत्रों से जीते जहां इस वर्ग का बहुल्य था, ऐसे में उनका तथा इस समुदाय का आपस में गहरा आत्मीय संबंध है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने नए हिमाचल तथा कांगड़ा के गद्दी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलवाने के लिए प्रयास आरंभ किए तथा एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ  इंडिया से इस बारे में रिपोर्ट तलब की, जिसके पश्चात एंथ्रोपॉलजिकल सर्वे ऑफ  इंडिया की टीम ने हिमाचल प्रदेश का गद्दी तथा गुर्जर बहुल क्षेत्रों का 2 माह तक दौरा किया। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट को जनगणना आयोग के समक्ष रखा गया था ताकि हिमाचल के गद्दी तथा गुज्जरों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किया जा सके।

गद्दी समुदाय को बिना किसी आंदोलन के मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा

उन्होंने कहा कि इसके पश्चात इस रिपोर्ट को अनुसूचित जनजाति आयोग के समक्ष पेश किया गया जिसके पश्चात जनजातीय मंत्रालय के समक्ष मामला पहुंचा, जहां से कैबिनेट नोट लगा तथा कैबिनेट ने बिल के रूप में इसे संसद में पेश किया जिसके पश्चात राष्ट्रपति ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जहां राजस्थान के गुर्जर समुदाय के लोग कई बार हिंसात्मक आंदोलन कर चुके हैं परंतु गद्दी समुदाय के लोगों को बिना किसी आंदोलन के ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ। टिकट मांगने का सबको अधिकार है मैंने न टिकट मांगा है न टिकट देने वाला हूं।

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