शांता ने दिया सुझाव, बोले-अवकाश प्राप्त डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्टाफ की सेवाएं ले सरकार

Edited By Vijay, Updated: 14 May, 2021 07:39 PM

shanta kumar in palampur

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा तथा कुछ अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी के कारण उभरी स्थिति से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सरकार के समक्ष...

पालमपुर (भृगु): प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा तथा कुछ अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी के कारण उभरी स्थिति से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सरकार के समक्ष कुछ सुझाव रखे हैं। इन स्वास्थ्य संस्थानों से चिकित्सकों के स्थानांतरण हुए हैं तथा उन्हें कोविड-19 मेकशिफ्ट चिकित्सालय में तैनाती दी गई है। प्रदेश में पहले से ही चिकित्सकों की संख्या मांग से कम है। ऐसे में कोविड-19 संक्रमित मामलों में बढ़ौतरी के बाद यह संकट और गहराया है। कोविड-19 की देखभाल के लिए चिकित्सक की ड्यूटियां लगाए जाने के कारण डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा में अनेक विभागों में सेवाएं प्रभावित हुई हैं, ऐसे में चर्म रोग, दंत चिकित्सा एवं नेत्र रोग चिकित्सा विभाग की ओपीडी को बंद करना पड़ा है। वहीं हृदय रोग, कैंसर तथा हार्ट के रोगियों का उपचार भी पुराने ब्लॉक में किया जा रहा है।

क्या है शांता कुमार का सुझाव

शांता कुमार ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश में सेना, केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के अवकाश प्राप्त डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्टाफ  की सेवाएं ली जाएं। उनके अनुसार बड़ी संख्या में इस प्रकार के अवकाश प्राप्त लोग प्रदेश में हैं, जिनमें से अनेकों वरिष्ठ नागरिक हैं, ऐसे में इन वरिष्ठ नागरिकों को आसान स्थान पर नियुक्ति दी जाए, जबकि कठिन स्थानों पर प्रदेश के डॉक्टरों की तैनाती की जाए। इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए तथा इस प्रकार से स्वास्थ्य संस्थानों में मानव संसाधन की कमी को पूरा किया जाए।

किस प्रकार जुटाया जाए धन

शांता कुमार ने कहा कि नई विकट परिस्थितियों में सभी कार्यों के लिए सरकार को धन की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता से इस हेतु अपील करें तथा प्रदेश की 70 लाख जनसंख्या में से लगभग 60 लाख लोग ऐसे हैं, जो कम या अधिक कुछ न कुछ अवश्य देने का सामथ्र्य रखते हैं। वहीं कई स्थानों पर बहुत सी संस्थाएं पहले ही कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोग कुछ न कुछ दान करने के लिए आगे आएं तो सरकार का कार्य आसान हो सकता है। उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की है कि वे इस काम के लिए पूरा सहयोग दें। पहले ही प्रदेश सरकार को 1 लाख रुपए की धनराशि दे चुके शांता कुमार इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख और धनराशि भेज रहे हैं।

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