अवैध कब्जों को लेकर शांता ने प्रदेश सरकार को दिए ये सुझाव

Edited By Vijay, Updated: 04 May, 2018 10:03 PM

shanta gave these suggestion to government about illegal occupation

सांसद शांता कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिमाचल सरकार को लगाई गई फटकार को पूरे हिमाचल का अपमान बताया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह कहना कि पूरे प्रदेश में अवैध कब्जे हुए हैं और भी अधिक चिंताजनक हैं।

पालमपुर: सांसद शांता कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हिमाचल सरकार को लगाई गई फटकार को पूरे हिमाचल का अपमान बताया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह कहना कि पूरे प्रदेश में अवैध कब्जे हुए हैं और भी अधिक चिंताजनक हैं। यह सब कुछ पिछली सरकारों के शासन के समय हुआ था तथा शैल बाला की हत्या की दोषी पिछली सरकार है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तुरंत घोषणा की कि सभी अवैध कब्जे हटाए जाएंगे और न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि पूरे देश में प्र्रभावशाली लोग धन के बल पर कुछ स्थानीय अधिकारियों को खरीद कर यह सब करते रहे हैं। अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से इनको हटाया जा रहा है। यह सच है कि लाखों परिवार सड़क पर आएंगे परंतु यह उससे भी अधिक सच है कि कानून का शासन स्थापित करने के लिए इस गैर-कानूनी कार्रवाई को सहन नहीं किया जा सकता।


वोट ही सब कुछ नहीं, कानून और देश उससे भी बड़ा
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल में पिछली सरकार के समय पुराने अवैध कब्जों को वैध करने के लिए सरकार ने कानून बना दिया। सभी राजनीतिक दलों ने उसका समर्थन किया। वह मामला अब उच्च न्यायालय में रुका पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि वोट के कारण सभी राजनीतिक दल कब्जा करने वाले प्रभावशाली लोगों का समर्थन करते हैं। उन्होंने इस बात की बहुत पीड़ा व्यक्त की कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी इस गैर-कानूनी समर्थन में शामिल हो जाती है। उन्होंने अपनी पार्टी से अपील की कि वोट ही सब कुछ नहीं है, कानून और देश उससे भी बड़ा है।


प्रदेश सरकार को दिए ये सुझाव
प्रत्येक सरकारी अधिकारी वर्ष में एक बार अपने विभाग को यह शपथ पत्र दे कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरकारी संपत्ति पर कोई अवैध अतिक्रमण नहीं हुआ है। यदि हुआ है तो उस पर कार्रवाई की गई है। यदि कहीं पर सरकारी संपत्ति पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा होता है तो सबसे पहले उस क्षेत्र के जिम्मेदार सरकारी अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो। अवैध कब्जा करना भी अपराध घोषित किया जाए। केवल अवैध निर्माण गिराना ही काफी नहीं है। किसी प्रकार का अवैध कब्जा करने पर कम से कम 6 महीने जेल की सजा दी जाए। प्रभावशाली पैसे वाले लोग बड़े वकीलों के सहारे अपने मामले सिविल अदालत में उलझा देते हैं। कानून द्वारा इस प्रकार के मामले सिविल अदालतों में उठाने की मनाही हो जाए।


पुराने सभी गैर-कानूनी कब्जों पर लागू हो कानून
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुराने सभी गैर-कानूनी कब्जों पर भी इस कानून को लागू करने की घोषणा की जाए। सरकार एक तिथि तय करे। उस तिथि से पहले स्वयं ही कब्जे छोडऩे वाले लोगों को नए कानून से राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार का कानून बनाकर देश में एक नया उदाहरण पेश किया जा सकता है। सभी राजनीतिक दल यह तय करे कि वह कानून और देश के लिए काम करेंगे, केवल वोट और सत्ता के लिए नहीं।  

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