बमसन की बेटी शैलजा ने रोशन किया हिमाचल का नाम, भारतीय सेना में बनी लैफ्टिनैंट कर्नल

Edited By Vijay, Updated: 19 Sep, 2020 07:37 PM

shailja dogra became lieutenant colonel in the indian army

हमीरपुर जिला के बमसन ब्लॉक टौणीदेवी की बेटी शैलजा डोगरा भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट कर्नल बनी है। शैलजा की इस उपलब्धि पर हिमाचल के साथ ही पूरे जिला व बमसन क्षेत्र के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।

हमीरपुर (राजीव): हमीरपुर जिला के बमसन ब्लॉक टौणीदेवी की बेटी शैलजा डोगरा भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट कर्नल बनी है। शैलजा की इस उपलब्धि पर हिमाचल के साथ ही पूरे जिला व बमसन क्षेत्र के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। शैलजा का जन्म 23 अक्तूबर,1980 को बमसन ब्लॉक टौणीदेवी की ग्राम पंचायत ऊहल के लडिय़ार गांव में हुआ। शैलजा के पिता धर्म सिंह डोगरा भी भारतीय सेना में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और माता रामेश्वरी देवी गृहिणी हैं ।

2007 में कमीशन पास कर बनी थीं लैफ्टिनैंट

शैलजा की 4 बहनें हैं और उनमें वह सबसे बड़ी हैं। परिवार में बेटा न होने के चलते शैलजा व उनकी बहनों की परवरिश बेटों की ही तरह की गई है। शैलजा ने एमएसी की पढ़ाई के बाद एमएड भी की, जिसके बाद 17 मार्च, 2007 को भारतीय सेना का डारैक्ट कमीशन पास किया और मद्रास में ट्रेनिंग करके लैफ्टिनैंट बन गईं। उसके बाद उन्होंने श्रीनगर, पुणे, असम व पंजाब में अपनी सेवाएं भारतीय सेना की एजुकेशन कोर में दीं, जिसके बाद अब लैफ्टिनैंट कर्नल का टैस्ट पास किया और 17 सितम्बर को उन्हें कपूरथला में लैफ्टिनैंट कर्नल के पद पर नवाजा गया। इस दौरान पति कर्नल संजय ठाकुर व डिप्टी कमांडर ने उन्हें लैफ्टिनेंट कर्नल के क्राऊन लगाए।

मेरी कामयाबी के पीछे मां का बहुत बड़ा हाथ : शैलजा

वहीं लैफ्टिनैट कर्नल बनने के बाद शैलजा डोगरा ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में कहा कि उनकी कामयाबी के पीछे उनकी माता रामेश्वरी देवी का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने बताया कि बेटों की तरह शिक्षा दीक्षा देकर उन्हें आज इस मुकाम पर उनकी माता व पिता कर्नल धर्म सिंह डोगरा ने ही पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि उनके दादा अमर सिंह, दादी ब्राह्मी देवी की बचपन में मिली शिक्षा से भी उन्हें प्रेरणा मिली है। वहीं पति कर्नल संजय ठाकुर के साथ के चलते ही उन्हें आगे बढऩे का हौसला मिला है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इस उपलब्धि को पाकर गर्व महसूस हो रहा है।

बेटा और बेटी में न करें अंतर

उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी में अंतर नहीं समझना चाहिए। अगर बेटी को भी अच्छी शिक्षा दीक्षा मिले तो वे भी बेटों की तरह भारतीय सेना में अधिकारी बन सकती है या यूं कहें कि बेटी भी हर क्षेत्र में बेटों से भी आगे निकल सकती है। लैफ्टिनेंट कर्नल शैलजा की शादी देहरादून में हुई है और वे आजकल अपने पति के साथ गुरुग्राम में रहती हैं। वहीं शैलजा की बुआ पिंको देवी अपनी भतीजी की कामयाबी के चलते फूले नहीं समा रही हैं। शैलजा की इस उपलब्धि पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उन्हें बधाई दी है तथा कहा कि बमसन की बेटी पर पूरे हिमाचल को गर्व है।

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