SFI ने HPU में फूंका शिक्षा मंत्री का पुतला, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 16 Mar, 2019 08:06 PM

sfi burn the effigy of education minister

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एस.एफ.आई. इकाई ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। एस.एफ.आई. ने सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया है कि आऊटसोर्स के माध्यम से जो भर्तियां विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार के...

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एस.एफ.आई. इकाई ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। एस.एफ.आई. ने सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया है कि आऊटसोर्स के माध्यम से जो भर्तियां विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार के इशारे पर की जा रही हैं उन तमाम भर्तियों को निरस्त किया जाए अन्यथा एस.एफ.आई. विश्व विद्यालय के खिलाफ उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी। एस.एफ.आई. का आरोप है कि प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत के चलते विश्वविद्यालय में आऊटसोर्स कर्मचारियों की गैर-कानूनी तरीके से भर्ती की गई है।
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शिक्षा मंत्री के इशारे पर आऊटसोर्स पॉलिसी से हो रही भर्ती

विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदेश के शिक्षा मंत्री के इशारे पर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की भर्ती आऊटसोर्स पॉलिसी से कर रहा है, जिसके तहत उत्तम हिमाचल नाम की एक फर्म जोकि ए.बी.वी.पी. भूतपूर्व नेता की है और वह व्यक्ति इस विश्वविद्यालय में ए.बी.वी.पी. की तरफ से एस.सी.ए. के पदाधिकारी रह चुका है, उस फर्म को बिना किसी भी विज्ञापन के सिंगल कोटेशन के आधार पर यह ठेका सौंपा गया है जबकि सरकार का यह नियम है कि जब भी किसी को कोई ठेका सौंपते हैं तो कम से कम 3 कंपनियों द्वारा टैंडर भरे जाने चाहिए उसी के बाद किसी भी कंपनी को ठेका सौंप सकते हैं।
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भगवाकरण के एजैंडे को बढ़ावा देने की हो रही कोशिश

कैंपस सचिव एस.एफ.आई. जीवन ठाकुर ने बताया कि आऊटसोर्सिंग के लिए ये टैंडर मार्च-अप्रैल, 2018 में पहले ही हो चुका था परंतु शिक्षा मंत्री के आदेश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस टैंडर के माध्यम से ही उत्तम हिमाचल को ये भर्तियां करने के लिए नियुक्त किया। उत्तम हिमाचल नाम की कंपनी का मालिक सीधे तौर आर.एस.एस./बीजेपी/ए.बी.वी.पी. के साथ जुड़ा हुआ है। यह चीज दर्शाती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार की मिलीभगत द्वारा इस विश्वविद्यालय में भगवाकरण के एजैंडे को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
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विश्वविद्यालय में गलत तरीके से हुई 9 लोगों की भर्ती

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 6 जूनियर ऑफिस असिस्टैंट, 3 कार्य इंस्पैक्टर और एक बस चालक की भर्ती गलत तरीके से सरकारी नियमों को ताक पर रख कर की गई है जोकि ये तमाम बातें संकेत करती हंै कि विश्वविद्यालय प्रशासन व प्रदेश सरकार शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण और सांप्रदायीकरण करने में लगी हुई है। एस.एफ.आई. इन तमाम लोगों को यह चेतावनी देना चाहती है कि यदि विश्वविद्यालय में लागू की जा रही ठेकाकरण की पॉलिसी को रोका नहीं गया और ठेके पर लगाए गए तमाम संघ के कार्यकर्ता व इनके बीच लगों को नहीं हटाया गया तो एस.एफ.आई. आने वाले समय प्रशासन व प्रदेश सरकार के खिलाफ एक व्यापक व उग्र आंदोलन करेगी।

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