Edited By kirti, Updated: 29 Sep, 2018 12:17 PM
विश्व धरोहर में शुमार कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर नैरोगेज ट्वाय ट्रेन का सफर अब पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। ट्रैक पर जगह-जगह बढ़ रही गंदगी पर्यटकों को मुंह चिढ़ा रही है। इससे देश में चल रहे स्वच्छता अभियान की भी धज्जियां उड़ रही हैं। ट्रैक...
सोलन :विश्व धरोहर में शुमार कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर नैरोगेज ट्वाय ट्रेन का सफर अब पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। ट्रैक पर जगह-जगह बढ़ रही गंदगी पर्यटकों को मुंह चिढ़ा रही है। इससे देश में चल रहे स्वच्छता अभियान की भी धज्जियां उड़ रही हैं। ट्रैक पर सोलन के आसपास बनी टनलों में कचरे के ढेर दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। रेलवे विभाग इससे पूरी तरह अनजान बना हुआ है। सोलन को हिमाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। राजधानी शिमला की ओर जाने वाले अधिकतर पर्यटक सोलन से होकर ही जाते हैं। सोलन के आसपास रबौण, क्लीन और वार्ड नं. 2 सहित अन्य क्षेत्रों में गंदगी काफी बढ़ रही है।
अक्सर पर्यटक ट्रेन में चलते हुए यहां के दिलकश नजारों के साथ-साथ यहां पनप रही गंदगी की तस्वीरें कैमरे में कैद करते देखे जा सकते हैं। रबौण, क्लीन, सन्नी साइड व चंबाघाट से सोलन की ओर आने-जाने के लिए लोग ट्रैक का प्रयोग पैदल मार्ग के रूप में करते हैं, क्योंकि यह मार्ग दूसरे मार्गों से नजदीक भी है। सुबह के समय लोग घर से निकलते ही साथ में घर की गंदगी कैरी बैग में डालकर ले जाते हैं और रेलवे ट्रैक के किनारे या टनलों में बनी खाली जगह पर डाल देते हैं। इसके अलावा ट्रैक के समीप रहने वाले लोग भी ट्रैक के आसपास ही कूड़ा फैंक देते हैं।