Edited By Vijay, Updated: 20 Nov, 2020 06:29 PM
कृषि सहकारी सभा दियोली में हुए 11 करोड़ 70 लाख रुपए के घोटाले में पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए प्रमुख आरोपी सभा सचिव को गिरफ्तार कर लिया है। लम्बे समय से मीडिया की सुर्खियों में यह मामला बना हुआ था लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते सभा...
गगरेट (बृज): कृषि सहकारी सभा दियोली में हुए 11 करोड़ 70 लाख रुपए के घोटाले में पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए प्रमुख आरोपी सभा सचिव को गिरफ्तार कर लिया है। लम्बे समय से मीडिया की सुर्खियों में यह मामला बना हुआ था लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते सभा प्रबंधन सीमित इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में भी चली गई थी। मामले की जांच में देरी करने के लिए इसकी गाज तत्कालीन पुलिस थाना प्रभारी पर भी गिरी थी लेकिन इस मामले में नए जांच अधिकारी नियुक्त होते ही नए जांच अधिकारी ने जांच को गति देते हुए सभा सचिव को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही सभा सदस्यों में न्याय मिलने की आस प्रबल हुई है।
ऐसे उजागर हुआ था घोटाला
कृषि सहकारी सभा दियोली में करोड़ों रुपए का घोटाला वर्ष 2019 में सहकारिता विभाग द्वारा किए गए ऑडिट में उजागर हुआ था। इसके बाद सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना ने 17 सितम्बर, 2019 को गगरेट पुलिस थाना में सभा सचिव के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था।
सीमित ने उच्च न्यायालय में उठाया था मामला
पुलिस ही इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन लगातार जांच में देरी से सभा सदस्यों के सब्र का बांध भी टूटता गया। सभा सदस्यों द्वारा इस घोटाले को लेकर कई प्रदर्शन किए गए जबकि मामले की परतें उधड़ते न देख सभा की प्रबंधन सीमित इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में चली गई। इसके बाद एसपी ऊना ने इस मामले में पुलिस थाना प्रभारी व सह थाना प्रभारी को निलम्बित कर लाइन हाजिर कर दिया और मामले की जांच का जिम्मा पुलिस थाना चिंतपूर्णी के प्रभारी दर्शन सिंह को सौंपा गया। मामले की जांच कर रहे इंस्पैक्टर दर्शन सिंह ने इस मामले में शुक्रवार को सभा सचिव जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला
कृषि सहकारी सभा दियोली में करीब 11 करोड़ 70 लाख रुपए के घोटाले का पर्दाफाश सहकारिता विभाग द्वारा करवाए गए ऑडिट में हुआ था। आरोप है कि सभा में लोगों द्वारा जमा करवाए गए पैसे को सभा के अकाऊंट में कहीं नहीं दर्शाया गया बल्कि खाताधारकों को जाली एफ.डी.आर. बनाकर दे दी गई। इस घोटाले में कई खाताधारकों की जीवन भर की जमापूंजी जाती रही जिसके चलते खाताधारकों को भी खून के आंसू बहाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मामले में पेंच
कृषि सहकारी सभा दियोली में हुए 11 करोड़ 70 लाख रुपए के महाघोटाले में एक पेंच यह भी है कि घोटाला कितने का है, इसे लेकर सहकारिता विभाग भी आश्वस्त नहीं है। बेशक सहकारिता विभाग के निर्देश पर हुए ऑडिट में ही 11 करोड़ 70 लाख रुपए का यह घोटाला उजागर हुआ लेकिन अब सहकारिता विभाग ही इस आंकड़े पर शंका पैदा कर रहा है। यही वजह है कि सहकारिता विभाग ने इस सभा का री-ऑडिट करने के निर्देश भी जारी किए हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान में यह मान रहे हैं कि घोटाले का आंकड़ा नीचे भी आ सकता है।