Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Nov, 2017 11:34 AM
हिमाचल प्रदेश की सियासत में प्रदेश सचिवालय में बने मंत्रियों के कमरे भी सुर्खियों में रहे हैं। सचिवालय में बने इस कमरे को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इस कमरे को पूर्व में मंत्री बनने पर जगत प्रकाश नड्डा, आशा कुमारी और नरेंद्र...
शिमला: हिमाचल प्रदेश की सियासत में प्रदेश सचिवालय में बने मंत्रियों के कमरे भी सुर्खियों में रहे हैं। सचिवालय में बने इस कमरे को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इस कमरे को पूर्व में मंत्री बनने पर जगत प्रकाश नड्डा, आशा कुमारी और नरेंद्र बरागटा को आबंटित किया जा चुका है। ये तीनों नेता मंत्री बनने पर चुनाव हार चुके हैं। हालांकि इसके बावजूद सियासत में इन नेताओं का दबदबा बना हुआ है। जगत प्रकाश नड्डा इस समय केंद्र में मंत्री हैं, जबकि आशा कुमारी ए.आई.सी.सी. सचिव के साथ पंजाब कांग्रेस की प्रभारी हैं। नड्डा का केंद्र में दबदबा है और आशा कुमारी के पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रहते हुए पार्टी को सत्ता मिली।
18 दिसम्बर को साफ होगी चुनाव परिणाम की तस्वीर
बरागटा फिर चुनाव मैदान में हैं और जीतने पर उनको फिर से मंत्री पद मिल सकता है। अब देखना यह है कि मौजूदा सरकार में जिस मंत्री को यह कमरा मिला है, वे चुनाव जीत पाते हैं या नहीं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 से 2003 तक तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा इस कमरे में बैठे। नड्डा 2 बार राज्य सरकार में मंत्री रहने के अलावा प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद वे वर्ष 2003 में चुनाव हार गए थे। आशा कुमारी को भी शिक्षा मंत्री बनने के बाद यही कमरा मिला था लेकिन वह भी वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव हार गई थीं। नड्डा और आशा कुमारी के बाद यही कमरा बरागटा को बागवानी मंत्री बनने पर आबंटित हुआ और वह भी वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव हार गए। इस तरह 3 बार इस कमरे में जो भी मंत्री बैठा है, वह चुनाव हार गया है। इस बार जिस मंत्री को यह कमरा मिला है, उनके चुनावी जीतने या हारने का पता 18 दिसम्बर को चुनाव परिणाम आने पर पता चल सकेगा।