Edited By Ekta, Updated: 06 Aug, 2019 02:11 PM
हिमाचल में स्क्रब टायफस के 250 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। स्क्रब टायफस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश के सभी अस्पतालों में बुखार के मरीज आते ही उनका स्क्रब टायफस टेस्ट भी करवाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने...
धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): हिमाचल में स्क्रब टायफस के 250 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। स्क्रब टायफस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश के सभी अस्पतालों में बुखार के मरीज आते ही उनका स्क्रब टायफस टेस्ट भी करवाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल में स्क्रब टायफस ने तेजी से अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं और प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 3 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। प्रदेश में इस बीमारी का आंकड़ा 250 से भी पार हो चुका है। अकेले जिला बिलासपुर में सबसे अधिक 91 इस बिमारी के मरीज सामने आए हैं और प्रदेश के सबसे बड़ा जिला कांगड़ा में 30 मरीज इस बीमारी के सामने आए हैं।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 4-5 वर्षों से स्क्रब टायफस के मामले ज्यादा आने शुरू हुए हैं, इससे पहले जिला अस्पतालों में 10 से 12 मरीज ही इसकी चपेट में आते थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि शिमला में 2 जबकि मंडी जिला में एक मरीज की मौत इससे हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इसको लेकर प्रदेश के सभी अस्पताल प्रशासन को अलर्ट किया है। हर साल बरसात में स्क्रब टायफस कई लोगों की जान पर भारी पड़ता है। इस रोग के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्क्रब टायफस रोगियों का मुफ्त उपचार करने के निर्देश जारी किए हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा के बाद अब मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में भी स्क्रब टायफस के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है।
मानसून सीजन में कई किसान, बागवान व खेतीहर मजदूर भी स्क्रब टायफस का शिकार होते हैं। स्क्रब टायफस के कारण प्रदेश में 3 साल में 90 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस साल स्क्रब टायफस के कारण 3 लोगों की मौत हुई है। जिला कांगड़ा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने बताया कि जिला में इस बीमारी के 687 मरीजों के टेस्ट किए गए जिसमें 30 मरीज पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने बताया जिले में अभी तक इस बीमारी से किसी की भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इसका इलाज हर स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त किया जा रहा है। उन्होंने बुखार आने से लोगों को तुरंत अस्पताल आने की सलाह दी।