बिलासपुर में तेजी से फैल रहा ‘स्क्रब टाइफस’, जिलाभर में 409 मामले दर्ज

Edited By Ekta, Updated: 17 Oct, 2018 04:07 PM

scrub typhus in bilaspur

डेंगू की तरह इन दिनों जिला में स्क्रब टाइफस बुखार तेजी से फैल रहा है। कीट-पिस्सू के काटने से पनपने वाले इस बुखार के मरीजों का पिछले कुछ दिनों से लगातार इजाफा हो रहा है। शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में स्क्रब टाइफस के मामले अधिक सामने आ...

बिलासपुर (प्रकाश): डेंगू की तरह इन दिनों जिला में स्क्रब टाइफस बुखार तेजी से फैल रहा है। कीट-पिस्सू के काटने से पनपने वाले इस बुखार के मरीजों का पिछले कुछ दिनों से लगातार इजाफा हो रहा है। शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में स्क्रब टाइफस के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में रोजाना 20 से 30 लोगों के स्क्रब टाइफस के टैस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें से औसतन करीब 10 लोगों में स्क्रब टाइफस के लक्षण पॉजीटिव पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर माह में अभी तक 150 लोगों में स्क्रब टाइफस के लक्षण पाए गए हैं, वहीं इस सीजन में जिलाभर से स्क्रब टाइफस के कुल 409 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इस बीमारी से सबसे अधिक मारकंड ब्लॉक प्रभावित क्षेत्र रहा है। 

मारकंड से स्क्रब टाइफस के 227 मामले सामने आए हैं जबकि झंडूता से 64, सदर ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों से 63 व घुमारवीं ब्लॉक से 34 स्क्रब टाइफस के मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं स्क्रब टाइफस ने हर आयु के लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है, जिनमें 1 वर्ष के नौनिहालों सहित 77 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल हैं। उधर, चकित्सा अधीक्षक बिलासपुर डा. राजेश आहलूवालिया ने बताया कि स्क्रब टाइफस से पीड़ित लोगों को विशेष रूप से मॉनीटर किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि घरों के आसपास झाडिय़ां और घास न पनपनें दें, वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. परविंद्र शर्मा ने बताया कि जिला के सभी सामुदायिक व प्राथमिक केंद्रों के अधिकारी व कर्मचारियों को स्क्रब टाइफस के प्रति लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्क्रब टाइफस के लक्षण
संक्रमित होने के 5 से 12 दिन तक के भीतर रोग के लक्षण सामने आने लगते हैं। शुरूआत में सिर दर्द, भूख न लगना व तबीयत का भारीपन अनुभव होने के बाद अचानक सर्दी लगकर तेज बुखार चढ़ता है और बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है। इस रोग से आने वाला बुखार 7 से 12 दिन तक रहता है। बुखार के चौथे से लेकर छठे दिन के भीतर शरीर पर दाने निकल आते हैं। यह रोग कम उम्र के लोगों के लिए खतरनाक नहीं होता है परंतु 40 वर्ष से ऊपर की आयु के 50 प्रतिशत रोगी और 60 वर्ष से ऊपर के मरीजों के लिए यह प्राण घातक हो सकता है।

जागरूकता ही बचाव
जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए। उन जगहों पर जाने से बचें, जहां पिस्सू बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं। यदि ऐसे स्थानों पर जाना ही पड़े तो खुद को कवर करके रखें।

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